अमृतसर (पंजाब), 8 जून, 2025: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने रविवार को कहा कि राज्य सरकार राज्य के कमजोर और वंचित वर्गों की भलाई के लिए अथक प्रयास कर रही है और उनके लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है।
यहां लाभार्थियों को ऋण माफी प्रमाण पत्र सौंपने के लिए आयोजित समारोह के दौरान उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार आम आदमी को सशक्त बनाने के लिए मिशनरी उत्साह के साथ लोगों की सेवा कर रही है।
भगवंत सिंह मान ने उम्मीद जताई कि राज्य सरकार जरूरतमंद और समाज के वंचित वर्गों की मदद के लिए अपनी कलम का इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जनता का अधिकतम कल्याण सुनिश्चित कर रही है ताकि समाज का हर वर्ग इससे लाभान्वित हो सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे पहले शासकों द्वारा संपन्न लोगों के कर्ज माफ कर दिए जाते थे तथा उन्हें गरीब लोगों के कल्याण की कोई चिंता नहीं थी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य के इतिहास में पहली बार राज्य के वंचित और कमजोर वर्गों को यह राहत दी गई है।
उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए है क्योंकि राज्य का बजट आम आदमी के कल्याण के लिए रखा गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार राज्य कोष का एक-एक पैसा जन कल्याण पर खर्च कर रही है।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि राज्य सरकार शिक्षा क्षेत्र को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है क्योंकि यह कमजोर और वंचित वर्गों के कल्याण के लिए अनिवार्य है।
उन्होंने कहा कि शिक्षा प्रत्येक व्यक्ति की सफलता की कुंजी है तथा राज्य के प्रत्येक युवा को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार के पास राज्य में शिक्षा प्रणाली को सुदृढ़ और पुनर्जीवित करने के लिए पर्याप्त धनराशि है।
मुख्यमंत्री ने चुटकी लेते हुए कहा कि पिछली सरकारों के दौरान ऐसे सार्वजनिक महत्व और खुशी के कार्यक्रम बहुत कम होते थे। हालांकि, उन्होंने कहा कि अब एक नया युग शुरू हुआ है, जब सरकार द्वारा नई परियोजनाएं जनता को समर्पित की जा रही हैं और युवाओं को रोजगार मिल रहा है।
भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह रंगला पंजाब की झलक है और राज्य सरकार अब ऐसे खुशी के दिन आयोजित करके लोगों की सुविधा के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 67.84 करोड़ रुपये की इस ऋण माफी से लगभग 4,800 परिवारों को लाभ हुआ है। उन्होंने कहा कि यह पंजाब अनुसूचित जाति भूमि विकास एवं वित्त निगम (पीएससीएफसी) के ऋणधारकों के लिए 31 मार्च, 2020 तक वितरित ऋणों की माफी है।
उन्होंने कहा कि इस माफी में पीएससीएफसी द्वारा उल्लिखित तिथि तक वितरित सभी ऋण शामिल हैं, जिससे अनुसूचित जाति और दिव्यांगजनों को महत्वपूर्ण राहत मिलेगी।
भगवंत सिंह मान ने कहा कि इस कदम से कुल 4,727 ऋणधारकों को 67.84 करोड़ रुपये का लाभ मिलेगा और 4,685 डिफॉल्टर ऋणधारकों और 42 नियमित ऋणधारकों सहित सभी ऋणधारक इस ऋण माफी योजना के तहत कवर किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा “अदेयता प्रमाण पत्र” (एनडीसी) जारी किए जाएंगे और 30 अप्रैल, 2025 तक गणना की गई मूल राशि, ब्याज और दंड ब्याज सहित 67.84 करोड़ रुपये की पूरी राशि राज्य सरकार द्वारा पीएससीएफसी को वापस कर दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि महत्वपूर्ण बात यह है कि जिन ऋणधारकों ने पहले भी कर्ज माफी योजनाओं के तहत लाभ उठाया है, वे भी इस पहल के तहत कवरेज के लिए पात्र हैं।
भगवंत सिंह मान ने कहा कि ऋण माफी के बाद पीएससीएफसी ऋण विनियमों के तहत ऋणधारकों के खिलाफ कोई वसूली कार्यवाही शुरू नहीं की जाएगी और उनके खातों को कट-ऑफ तिथि तक पूरी तरह से निपटा हुआ माना जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2011 की जनगणना के अनुसार, अनुसूचित जातियां पंजाब की कुल आबादी का 31.94 प्रतिशत हैं और इस समुदाय के कई सदस्यों ने अपने आर्थिक उत्थान के उद्देश्य से स्वरोजगार उद्यम स्थापित करने के लिए पीएससीएफसी से ऋण लिया है।
हालांकि, उन्होंने कहा कि कुछ उधारकर्ता अपने नियंत्रण से परे परिस्थितियों के कारण ऋण चुकाने में असमर्थ रहे हैं, जिसके कारण ऋण चूक हो रही है।
भगवंत सिंह मान ने कहा कि इस माफी के कार्यान्वयन से 4,727 गरीब अनुसूचित जाति और दिव्यांगजन लाभार्थियों को 67.84 करोड़ रुपये की राहत मिलेगी, जिसमें 30.02 करोड़ रुपये मूलधन, 22.95 करोड़ रुपये ब्याज और 14.87 करोड़ रुपये दंड ब्याज (30 अप्रैल, 2025 तक की गणना) शामिल है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पहल से उनकी गरिमा बहाल करने में मदद मिलेगी और वे समाज में अधिक सम्मानजनक जीवन जीने में सक्षम हो सकेंगे।
इसके अतिरिक्त, उन्होंने कहा कि कर्ज माफी से लाभार्थियों को अपने परिवारों की सहायता के लिए उत्पादक कार्यों हेतु मुक्त वित्तीय संसाधनों का उपयोग करने की अनुमति मिलेगी। उन्होंने कहा कि यह केवल ऋण माफी के बारे में नहीं है, बल्कि यह सम्मान बहाल करने, न्याय प्रदान करने और एक नई शुरुआत की पेशकश के बारे में है।
भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह उन हजारों परिवारों के लिए राहत और सम्मान की शुरुआत है जो वर्षों से कर्ज के बोझ तले दबे हुए थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ये परिवार मुख्य कमाने वाले सदस्य की मृत्यु, लम्बी बीमारी के कारण सारी बचत खत्म हो जाने या आय का कोई अन्य स्रोत न होने जैसी परिस्थितियों के कारण अपना ऋण नहीं चुका पाए।
उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों से ऋण वसूलना अन्यायपूर्ण है, इसलिए राज्य सरकार ने इन्हें माफ करने का निर्णय लिया है।
भगवंत सिंह मान ने कहा कि आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि वे सिर्फ वादे नहीं करते बल्कि उन्हें पूरा भी करते हैं क्योंकि पिछली सरकारों ने एससी समुदाय को केवल वोट बैंक के रूप में देखा था, आप सरकार एससी परिवारों का दर्द समझती है और उन्हें हमेशा समानता, अधिकार और सम्मान दिया है।
इस मौके पर कैबिनेट मंत्री हरपाल सिंह चीमा, डॉ. बलजीत कौर, हरभजन सिंह ईटीओ, लाल चंद कटारूचक, कुलदीप सिंह धालीवाल और अन्य भी मौजूद थे।