चंडीगढ़, 5 जून, 2025: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने गुरुवार को पूरे पंजाब में बाढ़ सुरक्षा के लिए राज्य के मास्टर प्लान की पुख्ता योजना और प्रभावी क्रियान्वयन की आवश्यकता पर जोर दिया।
बाढ़ सुरक्षा कार्यों की प्रगति की निगरानी के लिए अपने सरकारी आवास पर आयोजित उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मास्टर प्लान से न केवल धन का विवेकपूर्ण उपयोग सुनिश्चित होगा, बल्कि बाढ़ पीड़ितों को फसल नुकसान और संपत्ति के नुकसान के लिए मुआवजा देने पर खर्च की जा रही करोड़ों रुपये की राशि को बचाने में भी मदद मिलेगी।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सिंचाई विभाग के इंजीनियरों के साथ मिलकर नालों और नदियों के प्रबंधन की योजना बनाई जानी चाहिए। इससे नियमित रूप से गाद निकालने, सफाई करने और बाढ़ सुरक्षा ढांचे को मजबूत करने में मदद मिलेगी।
मान ने कहा कि ये उपाय मानसून के दौरान बाढ़ से होने वाली तबाही से निवासियों को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को मास्टर प्लान के आधार पर एक व्यापक अंतिम खाका तैयार करने के निर्देश दिए ताकि बाढ़ सुरक्षा कार्यों को बरसात से ठीक पहले पारंपरिक तदर्थ दृष्टिकोण के बजाय व्यवस्थित रूप से क्रियान्वित किया जा सके।
उन्होंने इन प्रयासों को नियमित, दीर्घकालिक आधार पर समर्थन देने के लिए वार्षिक राज्य बजट में विशेष आवंटन निर्धारित करने के महत्व पर भी बल दिया।
इसके अलावा, भगवंत सिंह मान ने अधिकारियों को मुख्य अभियंताओं के परामर्श से एक कार्यान्वयन योग्य योजना तैयार करने का निर्देश दिया, जिसमें सिंचाई विभाग के ड्रेनेज और नहर दोनों विंगों में प्राथमिकता वाले कार्यों पर प्रकाश डाला गया।
एक बड़े कदम के तहत मुख्यमंत्री ने पंजाब के सभी 22 जिलों में बाढ़ सुरक्षा कार्यों और नालों की सफाई के लिए लगभग 116 करोड़ रुपये मंजूर किए। उन्होंने डिप्टी कमिश्नरों को निर्देश दिए कि वे यह सुनिश्चित करें कि ये परियोजनाएं मानसून के शुरू होने से पहले पूरी हो जाएं और इन्हें 30 जून तक पूरा करने की सख्त समय-सीमा तय की गई है।
भगवंत सिंह मान ने स्पष्ट किया कि सिंचाई विभाग का कोई भी अधिकारी या कर्मचारी इन कार्यों में लापरवाही बरतेगा तो उसे व्यक्तिगत रूप से जवाबदेह ठहराया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि इन निधियों का उपयोग यथासंभव सर्वाधिक प्रभावी तरीके से किया जाना चाहिए तथा प्रत्येक जिले के संवेदनशील क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए।
उन्होंने अधिकारियों को पिछले वर्ष बाढ़ से प्रभावित नए क्षेत्रों, विशेषकर सड़क निर्माण के कारण उत्पन्न बाधाओं का गहन निरीक्षण करने और उनका समाधान करने का भी निर्देश दिया।
भगवंत सिंह मान ने कहा कि बाढ़ को रोकना तथा यह सुनिश्चित करना कि मानसून के दौरान राज्य का कोई भी हिस्सा प्रभावित न हो, सर्वोच्च प्राथमिकता है। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री हरदीप सिंह मुंडियां तथा बरिंदर गोयल, मुख्य सचिव के.ए.पी. सिन्हा तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
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