July 6, 2025
Chandigarh

पंजाब के मुख्यमंत्री मान ने राज्य को हर क्षेत्र में नंबर वन बनाने का संकल्प लिया, शिक्षा क्रांति और एनएएस की जीत की सराहना की

संगरूर (पंजाब), 6 जुलाई, 2025: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने रविवार को पंजाब को जीवन के हर क्षेत्र में अग्रणी राज्य के रूप में उभरने के लिए लोक-समर्थक और विकास-उन्मुख नीतियों के रूप में ठोस प्रयास करने का संकल्प लिया। 

राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण में पंजाब की उपलब्धि को चिह्नित करने के लिए आयोजित समारोह के दौरान उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के सख्त प्रयासों के कारण पंजाब आज इस सर्वेक्षण में पहले स्थान पर है, जबकि 2017 में यह 17वें स्थान पर था।

उन्होंने कहा कि अध्यापक राष्ट्र निर्माता हैं और उन्होंने पंजाब को प्रथम स्थान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार के ठोस प्रयासों के कारण पंजाब आज शिक्षा या विकास के हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है।

मुख्यमंत्री ने शिक्षकों से विद्यार्थियों को राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से अवगत कराने का आग्रह करते हुए कहा कि विद्यार्थियों के समग्र व्यक्तित्व विकास के लिए यह आवश्यक है।

भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह भी समय की मांग है कि विद्यार्थी अपनी जड़ों से जुड़े रहें और जीवन में उत्कृष्टता हासिल करें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार विद्यार्थियों में कौशल विकास पर विशेष जोर दे रही है ताकि वे सम्मान और गर्व के साथ जीवन जीने के योग्य बन सकें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आप और इसके राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के ठोस प्रयासों से शिक्षा, स्वास्थ्य और बिजली राजनीतिक दलों के एजेंडे में केन्द्रीय स्थान प्राप्त कर चुके हैं।

उन्होंने कहा कि इससे पहले किसी भी राजनीतिक दल ने इन प्रमुख क्षेत्रों के बारे में कभी चिंता नहीं की, जो आम आदमी के लिए सबसे महत्वपूर्ण रहे हैं।

भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार का हर कदम आम आदमी की भलाई के लिए है और इस नेक काम में कोई कसर नहीं छोड़ी जानी चाहिए।मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों ने विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने की ओर कभी ध्यान नहीं दिया।

उन्होंने कहा कि बड़े नेताओं के बेटे-बेटियां पहाड़ों पर कॉन्वेंट स्कूलों में पढ़ते हैं, जिस कारण सरकारी स्कूल कभी उनके लिए प्राथमिकता वाले क्षेत्र नहीं रहे। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पिछली सरकारों के दौरान सरकारी स्कूल शिक्षा देने की बजाय केवल मिड डे मील केंद्र बनकर रह गए थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार स्कूली स्तर पर विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कर उनका भाग्य बदलने के लिए अथक प्रयास कर रही है।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने राज्य में शिक्षा क्रांति की शुरूआत की है, जिसने सामाजिक-आर्थिक अंतर को पाटकर विद्यार्थियों के जीवन में बदलाव लाया है।

भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार शिक्षा क्षेत्र को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है क्योंकि विद्यार्थियों की भलाई से बढ़कर कुछ भी नहीं है।

मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि पंजाब में शिक्षा क्षेत्र अब महत्वपूर्ण परिवर्तन से गुजर रहा है, जिससे सरकारी स्कूलों के लिए उत्कृष्ट परिणाम सामने आएंगे, जिससे सरकार के प्रयासों को और बल मिलेगा।

उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार सरकारी स्कूलों के बुनियादी ढांचे में बदलाव ला रही है और पंजाब निश्चित रूप से देश भर में एक आदर्श राज्य बनकर उभरेगा।

भगवंत सिंह मान ने कहा कि उनकी सरकार इस बात पर ध्यान केन्द्रित कर रही है कि अध्यापकों की सेवाएं किसी अन्य कार्य के बजाय केवल शिक्षा के लिए ही उपयोग में लाई जाएं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी स्कूलों में अभिभावक-शिक्षक बैठकें (पीटीएम) आयोजित की गई हैं। उन्होंने कहा कि पहले निजी स्कूलों में यह एक नियमित प्रक्रिया थी, लेकिन सरकारी स्कूलों में इसका अभाव था।

उन्होंने कहा कि यह छात्रों की भलाई के लिए इन स्कूलों में अपनाई जा रही शिक्षा की सर्वोत्तम प्रथाओं में से एक है क्योंकि माता-पिता और शिक्षक छात्रों की बेहतरी के लिए संवाद करने में सक्षम हैं।

भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार ने पंजाब में शिक्षा क्रांति का युग शुरू कर दिया है और इसे बढ़ावा देने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है।

मुख्यमंत्री ने इस बात पर गर्व व्यक्त किया कि भ्रष्टाचार या भाई-भतीजावाद के बिना, पूरी तरह योग्यता के आधार पर युवाओं को 54,000 से अधिक नौकरियाँ प्रदान की गई हैं। उन्होंने कहा कि इससे पंजाब के सामाजिक-आर्थिक विकास में युवाओं की सक्रिय भागीदारी बनी है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा लोगों की भलाई और राज्य की प्रगति के लिए हर निर्णय लिया जा रहा है।

इससे पहले अपने संबोधन में वरिष्ठ आप नेता मनीष सिसोदिया ने कहा कि सरकारी स्कूलों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा एक सपना बनकर रह गई है, क्योंकि देश में शिक्षा माफिया हावी हो गया है।

उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों के दौरान शिक्षा को गौण कर दिया गया था, क्योंकि उन्होंने निजी स्वामित्व वाले स्कूलों में पढ़ाई को बढ़ावा दिया था, जिनका प्रबंधन नौकरशाहों और राजनेताओं द्वारा किया जाता था।

मनीष सिसोदिया ने कहा कि आज पंजाब ने इस कठिन लक्ष्य को प्राप्त करके चमत्कार कर दिया है। उन्होंने कहा कि पंजाब के स्कूल सफलता की नई कहानी लिख रहे हैं।

मनीष सिसोदिया ने कहा कि आज सरकारी स्कूलों के 24 लाख विद्यार्थियों का भविष्य सुरक्षित हाथों में है और प्रदेश में शिक्षा क्रांति की शुरूआत हो चुकी है। उन्होंने कहा कि यह सब इसलिए संभव हो पाया है क्योंकि शिक्षकों, प्रधानाचार्यों और अन्य स्टाफ ने राज्य सरकार की नीतियों के अनुरूप कड़ी मेहनत की है।

मनीष सिसोदिया ने कहा कि यह एक बड़ी उपलब्धि है जिसके लिए हर हितधारक बधाई का पात्र है। उन्होंने कहा कि यह एक शुरुआत है क्योंकि पंजाब शिक्षा क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छू रहा है।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री हरपाल चीमा, अमन अरोड़ा, हरजोत सिंह बैंस और बरिन्दर गोयल सहित अन्य भी उपस्थित थे।

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