कई गैर सरकारी संगठन और सिख संगठन पंजाब के बाढ़ प्रभावित जिलों में राहत और बचाव कार्यों में सरकार और एजेंसियों के प्रयासों को बढ़ावा दे रहे हैं। हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के जलग्रहण क्षेत्रों में भारी वर्षा के कारण सतलुज, ब्यास और रावी नदियों के उफान के साथ-साथ मौसमी छोटी नदियों के कारण आई भीषण बाढ़ ने पंजाब को बुरी तरह प्रभावित किया है।
विभिन्न गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) के स्वयंसेवक बाढ़ प्रभावित परिवारों को राहत पहुँचाने और उन्हें बचाने में सक्रिय रूप से लगे हुए हैं। वे राशन और मवेशियों के लिए चारा वितरित कर रहे हैं और विशेष रूप से कमजोर लोगों, जैसे कि बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाने में मदद कर रहे हैं।
बाबा दीप सिंह सेवा दल गढ़दीवाला के प्रतिनिधि मनजोत सिंह ने बताया कि उनके स्वयंसेवक प्रभावित गाँवों में काम कर रहे हैं। सिंह ने पीटीआई-भाषा को बताया, “हमारे पास आठ नावें हैं, जिन्हें राहत सामग्री पहुँचाने और जलमग्न इलाकों में फंसे लोगों को निकालने के लिए तैनात किया गया है।”
सीमावर्ती जिले फिरोजपुर के बाढ़ प्रभावित गांव में मौजूद सिंह ने प्रभावित गांवों की स्थिति को भयावह बताया। कई बाढ़ प्रभावित इलाकों में लोगों ने बताया है कि उनके इलाके 5 से 6 फीट पानी में डूबे हुए हैं, जिससे उन्हें अपनी छतों पर सोना पड़ रहा है। कुछ लोगों ने तो बाढ़ के पानी से बचने के लिए अपने मवेशियों को भी छतों पर रख दिया है।
बुरी तरह प्रभावित गाँवों के निवासियों को भारी नुकसान हुआ है, जिसमें बिस्तर, गद्दे और इलेक्ट्रॉनिक सामान नष्ट हो गए हैं। सबसे ज़्यादा प्रभावित इलाकों में गुरदासपुर, पठानकोट, फाज़िल्का, कपूरथला, तरनतारन, फिरोज़पुर, होशियारपुर और अमृतसर ज़िले के गाँव शामिल हैं।
आपदा के जवाब में, सिख संगठनों और विभिन्न गैर-सरकारी संगठनों ने सहायता प्रदान करने के लिए शिविर लगाए हैं। सिखों की सर्वोच्च धार्मिक संस्था शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सहायता प्रदान कर रही है। प्रभावित जिलों के कई गुरुद्वारों ने भी बाढ़ प्रभावितों के लिए राहत केंद्र स्थापित किए हैं।
शनिवार को एसजीपीसी अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने रावी नदी के किनारे स्थित रामदास और डेरा बाबा नानक निर्वाचन क्षेत्रों के बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा किया। एसजीपीसी ने डेरा बाबा नानक क्षेत्र के लिए पर्याप्त राहत सामग्री भेजी, जिसमें 150 क्विंटल गेहूं का आटा, 30 क्विंटल दालें, 5,000 कार्टन पीने का पानी और अन्य आवश्यक वस्तुएँ शामिल थीं। इसी तरह, रामदास क्षेत्र में भी राहत सामग्री से भरे दो ट्रक भेजे गए।
अकाल तख्त के कार्यवाहक जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गर्गज ने सभी पंजाबियों, विशेषकर सिख संगठनों से राज्य में बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद करने की अपील की है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस आपदा के दौरान किसी भी पंजाबी को आश्रय और भोजन के बिना नहीं रहना चाहिए तथा पशुओं को भी आवश्यक चारा मिलना चाहिए।
राहत प्रयासों में तेजी आने के साथ ही, होशियारपुर जिला प्रशासन ने उपायुक्त आशिका जैन के नेतृत्व में रेड क्रॉस सोसायटी और कई गैर सरकारी संगठनों के सहयोग से ‘चर्दा सूरज’ अभियान शुरू किया, जिसके तहत जिले में 1,225 बाढ़ प्रभावित व्यक्तियों तक सफलतापूर्वक सहायता पहुंचाई गई।
जिला अधिकारियों के अनुसार, लंगर सेवाएं, पशुओं के लिए चारा और आवश्यक आपूर्ति रेड क्रॉस सोसायटी, उन्नति सहकारी सभा, बाबा दीप सिंह वेलफेयर सोसायटी, मुकेरियां के गेरा गांव की गुरु नानक सेवा सोसायटी, दोआबा किसान संघर्ष समिति, ह्यूमैनिटी फर्स्ट, सरबत दा भला सेवा सोसायटी, लायंस क्लब टांडा, पेंट एंड हार्डवेयर एसोसिएशन और गुरु रामदास सेवा सोसायटी सहित संगठनों द्वारा प्रदान की जा रही है।