November 28, 2025
Chandigarh

पंजाब सरकार और अनन्या बिड़ला फाउंडेशन ने नशे के खिलाफ लड़ाई तेज करने के लिए हाथ मिलाया

चंडीगढ़, 26 जून, 2025: मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने गुरुवार को नशाखोरी और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय दिवस के अवसर पर डेटा इंटेलिजेंस और तकनीकी सहायता इकाई की स्थापना के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करके नशों के खिलाफ लड़ाई को तेज करने के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया।

पंजाब सरकार और डॉ. बी.आर. अंबेडकर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, मोहाली और विद्यासागर इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ, अमृतसर के बीच अनन्या बिड़ला फाउंडेशन के सहयोग से समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।

उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पहल पंजाब सरकार के नेतृत्व में नशों के विरुद्ध चल रही जंग का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा डाटा इंटेलिजेंस और तकनीकी सहायता इकाई स्थापित करने की यह अनूठी पहल राज्य में नशों की समस्या से निपटने में एक महत्वपूर्ण कदम है।

उन्होंने कहा कि यह समझौता ज्ञापन पंजाब सरकार द्वारा मादक पदार्थों की रोकथाम और पुनर्वास के लिए किए जा रहे व्यापक प्रयासों का हिस्सा है।

भगवंत सिंह मान ने कहा कि युद्ध नशे विरुद्ध ने नशीले पदार्थों की आपूर्ति लाइन को तोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि एक बार जब यह बाधित हो जाती है, तो प्रभावित व्यक्तियों का पुनर्वास अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों को नशे की लत से उबरने में सहायता करने तथा उन्हें सम्मानपूर्वक जीवन जीने में मदद करने के लिए सरकार न केवल विभिन्न सुविधाओं से सुसज्जित पुनर्वास केन्द्र स्थापित कर रही है, बल्कि नशीली दवाओं के सेवन को दोबारा शुरू होने से रोकने के लिए चिकित्सा देखभाल, शिक्षा और रोजगार के अवसर भी प्रदान कर रही है।

उन्होंने कहा कि नशा विरोधी अभियान के दूसरे चरण में डाटा इंटेलिजेंस एवं तकनीकी सहायता इकाई के माध्यम से मनोसामाजिक देखभाल का एक व्यापक मॉडल क्रियान्वित किया जा रहा है।

भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह इकाई चिकित्सा अधिकारियों, मनोवैज्ञानिकों, पुलिस कर्मियों और अग्रिम पंक्ति के स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की क्षमता बढ़ाकर नशा विरोधी अभियान में तकनीकी रूप से सहायता करेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह इकाई पुनर्वास चुनौतियों से निपटने के लिए प्रभावी रणनीति विकसित करने, ओओएटी (आउटपेशेंट ओपिओइड असिस्टेड ट्रीटमेंट) क्लीनिकों के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने और समुदाय तक पहुंच के प्रयासों को मजबूत करने पर भी ध्यान केंद्रित करेगी।

उन्होंने कहा कि यह इकाई पंजाब को नशा मुक्त राज्य बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। उन्होंने कहा कि केंद्रीकृत खुफिया इकाई नशा मुक्ति, पुनर्वास और ओ.ओ.ए.टी. रोगियों पर ठोस आंकड़े उपलब्ध कराएगी, जिससे सूचित नीतियां बनाने और उन्हें लागू करने में मदद मिलेगी।

भगवंत सिंह मान ने कहा कि एम्स के राष्ट्रीय औषधि उपचार केंद्र, आईआईटी रोपड़, टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज, मुंबई और पीजीआई चंडीगढ़ जैसे संस्थानों के विशेषज्ञ इस इकाई को समय पर सहयोग प्रदान करेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह इकाई एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स, पंजाब पुलिस, स्वास्थ्य विभाग, रोजगार सृजन, कौशल विकास और प्रशिक्षण विभागों के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य, पुनर्वास और डेटा विज्ञान से संबंधित संगठनों और शैक्षणिक संस्थानों के साथ मिलकर काम करेगी।

उन्होंने कहा कि यह जानकर खुशी हो रही है कि अनन्या बिड़ला फाउंडेशन (एबीएफ) इस इकाई की तकनीकी क्षमताओं और संसाधनों के लिए समर्थन प्रदान करेगा।

भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह कार्यक्रम एक केंद्रीकृत तकनीकी इकाई के आधार पर हब और स्पोक मॉडल पर संचालित होगा, जहां पटियाला, जालंधर, अमृतसर, फरीदकोट और मोहाली के पांच मेडिकल कॉलेज क्लस्टर संसाधन केंद्र के रूप में कार्य करेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने नशे और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई शुरू की है और यह अभियान लोगों के सक्रिय समर्थन और सहयोग से ही सफल हो सकता है।

उन्होंने कहा कि यह आने वाली पीढ़ियों की लड़ाई है और आम आदमी के समर्थन के बिना इसे नहीं जीता जा सकता। भगवंत सिंह मान ने लोगों से इस नेक काम के लिए पूरे दिल से समर्थन देने का आह्वान किया ताकि पंजाब को देश में एक प्रगतिशील और अग्रणी राज्य बनाया जा सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नशे के खिलाफ जंग एक जन आंदोलन बन गई है, जिसके लिए लोगों को कड़ी मेहनत करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पंजाब को नशा मुक्त राज्य बनाना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि यह आने वाली पीढ़ियों की लड़ाई है और इसका समर्थन करना सभी का नैतिक कर्तव्य है।

भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह लड़ाई तब तक जारी रहेगी जब तक नशे का अभिशाप खत्म नहीं हो जाता।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नशा तस्करों की सम्पत्तियों को ध्वस्त करने के लिए बुलडोजर अभियान तार्किक निष्कर्ष तक जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई देश के कानून के अनुसार की जा रही है और इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि नशा व्यापार पर करारा प्रहार किया जाए।

भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह कार्रवाई और तेज की जाएगी ताकि राज्य से नशे का पूरी तरह से खात्मा किया जा सके।

नशे के खिलाफ लड़ाई में लोगों से पूर्ण समर्थन और सहयोग की अपील करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि नशे की बुराई राज्य के माथे पर कलंक है और राज्य सरकार को इस अभिशाप को मिटाने के लिए रणनीति बनाने में दो वर्ष से अधिक का समय लग गया।

भगवंत सिंह मान ने कहा कि इसके बाद नशे की सप्लाई लाइन को तोड़ा गया, इन जघन्य अपराधों में शामिल बड़ी मछलियों को सलाखों के पीछे डाला गया, नशा पीड़ितों का पुनर्वास सुनिश्चित किया गया और यहां तक ​​कि नशा तस्करों की संपत्ति जब्त करके नष्ट कर दी गई।

उन्होंने कहा कि अब राज्य सरकार ने नशे के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया है, जिसका उद्देश्य राज्य को स्वच्छ बनाना है। मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार के साथ हाथ मिलाने के इस नेक कार्य के लिए अनन्या बिड़ला फाउंडेशन की संस्थापक अनन्या बिड़ला का भी आभार व्यक्त किया।

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