पंजाब तथा जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के ऊपरी इलाकों में रावी और व्यास नदियों के जलग्रहण क्षेत्रों में 6-7 अक्टूबर को भारी वर्षा होने के पूर्वानुमान ने पंजाब सरकार को चिंता में डाल दिया है।
अगस्त-सितंबर में राज्य ने हाल के इतिहास में सबसे खराब बाढ़ का सामना किया है, जिसमें 59 लोगों की जान चली गई और हजारों पशुधन नष्ट हो गए, हजारों घर क्षतिग्रस्त हो गए और लगभग 5 लाख एकड़ भूमि पर फसलें नष्ट हो गईं। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) द्वारा आगामी दिनों में भारी वर्षा की भविष्यवाणी ने जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को चिंतित कर दिया है।
आगामी सप्ताह में पंजाब में 110 मिमी, जम्मू क्षेत्र में लगभग 120 मिमी तथा हिमाचल प्रदेश में औसतन 16-180 मिमी वर्षा होने का अनुमान है।
राज्य जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंताओं और तकनीकी विशेषज्ञों सहित शीर्ष अधिकारियों ने आज आईएमडी के शीर्ष अधिकारियों के साथ एक वर्चुअल बैठक की, जिसमें मौसम के मिजाज पर चर्चा और उसे समझने तथा बाढ़ नियंत्रण की रणनीति तैयार करने का निर्णय लिया गया। राज्य सरकार के साथ साझा किए गए आईएमडी के आंकड़ों के अनुसार, 6-7 अक्टूबर को अमृतसर, तरनतारन, गुरदासपुर, पठानकोट, रोपड़, जालंधर, लुधियाना, मोगा, मानसा, बरनाला और बठिंडा में भारी से बहुत भारी बारिश का अनुमान है। पता चला है कि भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड के शीर्ष अधिकारियों ने भी अपनी रणनीति तैयार करने के लिए आंतरिक चर्चा शुरू कर दी है।