मुख्यमंत्री भगवंत मान की पहल ‘हर शुक्रवार डेंगू ते वार’ के तहत स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने शुक्रवार को खन्ना के विभिन्न हिस्सों में लारवा की जांच के लिए घर-घर जाकर निरीक्षण किया।
मंत्री डॉ. सिंह ने डेंगू की रोकथाम, लार्वा की पहचान, लक्षण की पहचान और स्थिर जल स्रोतों को खत्म करने की आवश्यकता के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए निवासियों के साथ सक्रिय रूप से बातचीत की।
उन्होंने समुदाय से आग्रह किया कि वे मच्छरों के प्रजनन को रोकें तथा यह सुनिश्चित करें कि पानी बर्तनों, छतों या आंगनों में एकत्र न हो।
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग डेंगू के प्रसार को रोकने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और इस अभियान का मुख्य उद्देश्य इस संभावित घातक बीमारी से लोगों की जान बचाना है। उन्होंने निवासियों से स्वच्छता बनाए रखने, जल जमाव रोकने और अपने आस-पास उचित जल निकासी सुनिश्चित करने का आह्वान किया।
बाद में मीडिया से बातचीत में सिंह ने पिछले वर्ष के अभियान की सफलता पर प्रकाश डाला, जिसके तहत डेंगू के मामलों में 50% की कमी आई थी।
पहले 1,200 प्रजनन जांचकर्ताओं द्वारा समर्थित इस पहल को अब 20,000 प्रशिक्षित आशा कार्यकर्ताओं और 31,000 नर्सिंग छात्रों से लाभ मिल रहा है, जो घरों का निरीक्षण करते हैं और अपने प्रशिक्षण के भाग के रूप में अभियान में योगदान देते हैं।
इसके अलावा, पंजाब के स्कूल अपने पाठ्यक्रम में डेंगू जागरूकता को शामिल कर रहे हैं, जहाँ शिक्षकों को लार्वा की पहचान करने और उसे नष्ट करने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। ये शिक्षक छात्रों को अपने घरों का निरीक्षण करने के लिए मार्गदर्शन करेंगे, जिसमें उनकी भागीदारी आंतरिक मूल्यांकन के अंकों से जुड़ी होगी, जिससे सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा मिलेगा।
मंत्री ने स्थानीय प्रयासों को मजबूत करने के लिए अधिकारियों को वार्डवार या मोहल्लावार स्वास्थ्य समितियां स्थापित करने का भी निर्देश दिया।
उन्होंने पंजाब के 881 आम आदमी क्लीनिकों की भूमिका को भी रेखांकित किया, जो अब 38 से बढ़कर 47 डायग्नोस्टिक परीक्षणों के विस्तारित पैनल के हिस्से के रूप में डेंगू परीक्षण प्रदान करते हैं, जिसमें गर्भावस्था और पीलिया की जांच भी शामिल है।
क्लीनिकों में उपलब्ध दवाओं की संख्या 80 से बढ़कर 160 हो गई है, जिससे स्वास्थ्य सेवा तक व्यापक पहुँच सुनिश्चित हुई है। डॉ. सिंह ने बताया कि जनता की प्रतिक्रिया के आधार पर, सरकार हर घर तक दवाइयाँ पहुँचाने के लिए प्रतिबद्ध है। आज तक, पंजाब के 3.7 करोड़ निवासियों में से 1.3 करोड़ लोगों ने इन क्लीनिकों के माध्यम से दवाइयाँ प्राप्त की हैं।
बुनियादी ढांचे की चुनौतियों का जिक्र करते हुए उन्होंने पिछली सरकारों की आलोचना की कि उन्होंने उचित सड़क योजना या बुनियादी सुविधाओं के बिना हजारों कॉलोनियों को मंजूरी दे दी, जिसके कारण जल जमाव जैसी समस्याएं पैदा हुईं।
उन्होंने कहा कि ऐसी कॉलोनियों और कॉलोनाइजरों के खिलाफ कार्रवाई की गई है।
इस अवसर पर उप-मंडल मजिस्ट्रेट डॉ. बलजिंदर सिंह ढिल्लों, सिविल सर्जन डॉ. रमनदीप कौर, कार्यकारी अधिकारी चरणजीत सिंह और अन्य भी उपस्थित थे।
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