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नशे के नाम पर पंजाब को बदनाम किया जा रहा है : योगराज सिंह

Punjab is being defamed in the name of drugs: Yograj Singh

पूर्व भारतीय क्रिकेटर और पंजाबी अभिनेता योगराज सिंह शनिवार को पंजाब के श्री मुक्तसर साहिब में क्रिकेट अकादमी का उद्घाटन करने के लिए पहुंचे, जहां उन्होंने पंजाब में नशे को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी। योगराज का मानना है कि पंजाब को नशे के नाम पर बदनाम किया जा रहा है।योगराज ने कहा, “पंजाब में नशा नहीं है। पंजाब को सिर्फ नशे के नाम पर बदनाम किया जाता है क्योंकि पंजाब का बड़ा युवा वर्ग है और वे खेलों के प्रति भी काफी उत्साही हैं।“

उन्होंने क्रिकेटर अभिषेक शर्मा पर भी बात की और बताया, “अभिषेक शर्मा लड़कियों के बीच और पार्टियों में नशे में धुत रहता था। बाद में युवराज सिंह ने उसे अपने मार्गदर्शन में लिया और ट्रेनिंग दी। आज वह पंजाब का बड़ा खिलाड़ी बन चुका है।”अर्शदीप के बारे में उन्होंने कहा कि पंजाब में अर्शदीप जैसे कई युवा हैं, जिन्हें केवल मार्गदर्शन की आवश्यकता है।

भारत के पूर्व स्टार क्रिकेटर अपने बेटे युवराज सिंह के बारे में योगराज ने बताया, “युवराज सिंह ने अपने माता-पिता की बदौलत पंजाब का नाम रोशन किया। उन्होंने युवाओं को नशे और मोबाइल फोन से दूर रहने के लिए प्रेरित किया।” इसके साथ ही योगराज ने युवाओं को आगे बढ़ने के लिए मोटिवेट भी किया।इससे पहले, 28 फरवरी को योगराज ने पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटरों पर देश के युवा खिलाड़ियों की मदद न करने का आरोप लगाया था और कहा कि वे केवल पैसे कमाने के उद्देश्य से अपने ही देश को गाली देते हैं।

उन्होंने बताया था, “पाकिस्तान के साथ समस्या यह है कि वसीम अकरम, शोएब अख्तर, वकार यूनिस या इंजमाम-उल-हक जैसे सभी पूर्व खिलाड़ी, मैं उनका बहुत सम्मान करता हूं लेकिन जो गलत है वह गलत है। भारत और पाकिस्तान के बीच अंतर यह है कि राहुल द्रविड़, वीवीएस लक्ष्मण और युवराज सिंह जैसे खिलाड़ियों ने भविष्य के भारतीय खिलाड़ियों को तैयार करने में मदद की है। मैं अपने देश से प्यार करता हूं, यही वजह है कि मैं अपने बेटे की बलि देने के लिए तैयार था, जिसे कैंसर था, लेकिन उनमें वैसा जुनून नहीं है। वे खुद की तुलना भारत से करते हैं लेकिन अपने देश से इतना प्यार नहीं करते कि वे कहें कि ‘हमने काफी पैसा कमाया है, हमें युवा पीढ़ी को प्रशिक्षित करना चाहिए।’

योगराज सिंह ने अपने क्रिकेट करियर में एक टेस्ट मैच और छह वनडे मैच खेले हैं। चोट लगने के कारण उन्हें क्रिकेट को अलविदा कहने के बाद उन्होंने पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री की ओर रुख किया। वह कई फिल्मों में काम कर चुके हैं।

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