तरनतारण (पंजाब), 4 सितंबर। जम्मू-कश्मीर में ड्यूटी के दौरान शहीद हुए कुलदीप सिंह का बुधवार को यहां उनके गांव में पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।
कुलदीप सिंह जम्मू में तैनात थे, जहां सोमवार को ड्यूटी के दौरान गोली लगने के बाद उनकी मौत हो गई थी। उनके पार्थिव शरीर को उनके पिता और बेटे ने मुखाग्नि दी। इस मौके पर उनका पूरा गांव श्मशान घाट में मौजूद था और सभी लोगों की आंखें शहीद की याद में नम थीं।
शहीद के परिवार और ग्रामीणों ने प्रशासनिक अधिकारियों की उपेक्षा पर गहरा असंतोष व्यक्त किया। परिवार का कहना है कि डीसी संदीप कुमार श्मशान घाट में केवल शामिल होने आए थे, लेकिन उन्होंने परिवार को सहानुभूति और अनुदान की कोई सुविधा प्रदान नहीं की। परिवार ने गुस्सा जताया कि अधिकारी बिना किसी ठोस मदद के वापस चले गए।
शहीद कुलदीप सिंह के परिवार ने प्रशासन से मांग की है कि उनके नाम पर एक गेट और स्टेडियम बनाया जाए, और उनकी पत्नी को सरकारी नौकरी प्रदान की जाए।
जम्मू में तैनात कुलदीप सिंह पंजाब के तरनतारन जिले के गांव बुर्ज 169 के रहने वाले थे। सोमवार को ड्यूटी के दौरान गोली लगने से उनकी मौत हो गई। बेटे के शहीद होने की सूचना पर उनके घर में गम का माहौल है।
गांव बुर्ज 169 में मातम छाया रहा। शहीद के परिवार वाले पंजाब सरकार से आर्थिक सहायता और परिवार के किसी एक सदस्य को नौकरी देने की मांग कर रहे हैं।
शहीद कुलदीप सिंह के माता-पिता ने बताया कि उनके पांच बच्चे हैं। कुलदीप 10 से 15 दिन पहले ही छुट्टी से वापस ड्यूटी पर गया था। उन्होंने कुलदीप की पत्नी और दो बच्चों के बारे में बताया, जो जम्मू में कुलदीप के साथ रह रहे थे।
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