April 14, 2025
Chandigarh

पंजाब: गैर-निर्माण शुल्क माफ करने, बकाया आवंटन बकाया चुकाने के लिए नई ओटीआर नीति को मंजूरी

चंडीगढ़, 13 अप्रैल, 2025: पंजाबियों को बड़ी राहत देते हुए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली सरकार ने राज्य के सुधार ट्रस्टों के आवंटियों के लिए गैर-निर्माण शुल्क और बकाया आवंटन राशि के संबंध में एकमुश्त छूट (ओटीआर) नीति को मंजूरी दे दी है। इस फैसले से आवंटियों को बड़ी राहत मिलेगी और उन पर लगने वाला ब्याज भी माफ हो जाएगा।

इस संबंधी जानकारी देते हुए पंजाब के स्थानीय निकाय मंत्री डॉ. रवजोत सिंह ने बताया कि जनहित को ध्यान में रखते हुए मान सरकार ने सुधार ट्रस्टों के अधीन रिहायशी और व्यापारिक संपत्तियों के अलॉटियों की बकाया राशि के लिए ओटीआर नीति को मंजूरी दे दी है, जिससे लोगों को अपनी बकाया संपत्ति की किश्तें जमा करवाने का मौका मिलेगा।

कैबिनेट मंत्री ने कहा कि एकमुश्त छूट की कुछ शर्तों के अनुसार, जिनका पालन करना अनिवार्य है, जिन आवंटियों को 15 वर्ष से कम समय पहले या 15 वर्ष से अधिक समय पहले आवंटन पत्र प्राप्त हुए हैं, उन्हें कुल गैर-निर्माण शुल्क (मूल राशि और ब्याज) पर 50 प्रतिशत की छूट मिलेगी।

इसी प्रकार, जिनकी आवंटन अवधि 15 वर्ष से अधिक है, उनके लिए गैर-निर्माण शुल्क आरक्षित दर का 5 प्रतिशत निर्धारित किया जाएगा।

डॉ. रवजोत सिंह ने बताया कि इस नीति के अंतर्गत वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं और किसी भी कार्रवाई में शहीद हुए सशस्त्र या अर्धसैनिक बलों के कर्मियों के कानूनी उत्तराधिकारियों को गैर-निर्माण शुल्क पर मौजूदा छूट के अतिरिक्त 25 प्रतिशत की अतिरिक्त छूट प्रदान की जाएगी।

स्थानीय निकाय मंत्री ने कहा कि ओ.टी.आर. नीति, आवंटन पत्र के अनुसार बकाया राशि जमा करवाने के पश्चात सुधार ट्रस्टों द्वारा आवंटित संपत्तियों को नियमित करने पर भी लागू होगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह छूट केवल उन मामलों पर लागू होगी, जहाँ आवंटी ने संबंधित संपत्ति के आवंटन के पश्चात बोली राशि का एक-चौथाई हिस्सा जमा करवा दिया हो।

कैबिनेट मंत्री ने आगे बताया कि इस नीति के अंतर्गत अलॉटी समय-समय पर जारी नियमों के अनुसार बकाया राशि पर लागू साधारण ब्याज दर और 2025-26 के लिए आरक्षित दर के 2.5 प्रतिशत की दर से बहाली शुल्क का भुगतान करके अपनी संपत्ति को नियमित कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि यह नीति दंडात्मक ब्याज से पूरी छूट प्रदान करती है।

डॉ. रवजोत सिंह ने बताया कि इस नीति के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए, आवंटियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे 31 जुलाई, 2025 तक संबंधित सुधार ट्रस्ट को अपना अनुरोध मैन्युअल रूप से या ईमेल के माध्यम से भेजें और 31 दिसंबर, 2025 तक संबंधित सुधार ट्रस्ट में बकाया राशि जमा कराना अनिवार्य है।

स्थानीय निकाय मंत्री ने आगे कहा कि इस नीति के लागू होने से न केवल बकाया राशि की वसूली के माध्यम से सुधार ट्रस्टों की वित्तीय स्थिति में सुधार आएगा, बल्कि सार्वजनिक शिकायतें और अवांछित मुकदमेबाजी भी समाप्त हो जाएगी।

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