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पंजाब पुलिस ने आंतरिक सुधार पर परियोजना शुरू की

पंजाब पुलिस ने भारतीय पुलिस फाउंडेशन (आईपीएफ) के सहयोग से एक आंतरिक पुलिस सुधार परियोजना शुरू की है।

यह पहल शिकायत/एफआईआर पंजीकरण में सुधार, पुलिस की प्रतिक्रिया, व्यवहार और आचरण में सुधार, उत्पीड़न को कम करने, नागरिक सेवाओं और सामुदायिक सहभागिता पर केंद्रित है।

इस परियोजना का औपचारिक उद्घाटन चंडीगढ़ में पंजाब पुलिस ऑफिसर्स इंस्टीट्यूट (पीपीओआई) में पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गौरव यादव के मार्गदर्शन में विशेष पुलिस महानिदेशक, सामुदायिक मामले प्रभाग, गुरप्रीत कौर देव ने किया। उनके साथ आईपीएफ के उपाध्यक्ष और परियोजना निदेशक डॉ. ईश कुमार (सेवानिवृत्त), डीआईजी रूपनगर-सह-इस परियोजना के लिए नोडल अधिकारी नीलांबरी जगदाले और एडीजीपी (सेवानिवृत्त)-सह-परियोजना पर्यवेक्षक गुरशरण सिंह संधू भी मौजूद थे।

इस कार्यक्रम में विशेष डीजीपी ईश्वर सिंह, विशेष डीजीपी अर्पित शुक्ला, एडीजीपी जी नागेश्वर राव, एडीजीपी एएस राय, डिप्टी कमिश्नर एसएएस नगर आशिका जैन, एसएसपी रूपनगर गुलनीत सिंह खुराना और एसएसपी एसएएस नगर दीपक पारीक भी शामिल हुए।

आईपीएफ द्वारा शुरू की गई परियोजना शुरू में दो जिलों- एसएएस नगर और रूपनगर- को कवर करेगी, जिसमें क्रमशः छह और नौ पुलिस स्टेशन होंगे। परियोजना का दायरा अंततः पूरे राज्य तक फैल जाएगा। परियोजना को तमिलनाडु, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ में एक साथ लॉन्च किया जाएगा।

देव ने कहा कि पंजाब पुलिस ने निवासियों को सर्वोत्तम सेवा प्रदान करने के लिए हमेशा आंतरिक सुधारों का स्वागत किया है।

उन्होंने कहा कि पंजाब सांझ परियोजना शुरू करने वाला पहला राज्य है, जिसके तहत लोगों को पुलिस सत्यापन और मोबाइल गुम होने की रिपोर्ट जैसी बुनियादी सेवाओं का लाभ उठाने के लिए पुलिस स्टेशन जाने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि इसके बजाय कोई भी व्यक्ति अपने घर से ऑनलाइन इन सेवाओं के लिए आवेदन कर सकता है।

देव ने कहा कि निवासी सांझ केन्द्रों पर जा सकते हैं, जहां का माहौल जनता के अनुकूल है। उन्होंने कहा कि पंजाब नागरिक-अनुकूल पुलिसिंग और सामुदायिक सहभागिता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।

आईपीएफ के निदेशक ईश कुमार ने सार्वजनिक शिकायतों के लिए वन-स्टॉप गंतव्य, सांझ परियोजना की सराहना की तथा इसे अन्य राज्यों में लागू करने की योजना की घोषणा की।

उन्होंने कहा कि 10 महीने के शोध कार्यक्रम में शिकायतकर्ताओं, सेवा चाहने वालों, पीड़ितों, आरोपियों, गवाहों और नागरिक समाज के सदस्यों के साथ विस्तृत साक्षात्कार, समूह चर्चा और प्रश्नावली शामिल होगी। उन्होंने कहा कि यह व्यापक दृष्टिकोण सुधार के क्षेत्रों की पहचान करने और सुधारों की सिफारिश करने में मदद करेगा।

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