December 17, 2025
Punjab

पंजाब ने राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार- 2025 के राज्य प्रदर्शन श्रेणी में दूसरा पुरस्कार जीता

Punjab wins second prize in the State Performance category of the National Energy Conservation Awards- 2025

मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार द्वारा ऊर्जा दक्षता और संरक्षण के क्षेत्र में किए गए अनुकरणीय प्रयासों ने पंजाब को राष्ट्रीय मान्यता दिलाई है, और राज्य ने राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार -2025 की राज्य प्रदर्शन श्रेणी में दूसरा पुरस्कार प्राप्त किया है। पंजाब के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा संसाधन मंत्री श्री अमन अरोरा को आज नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार 2025 समारोह में भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त हुआ।

पुरस्कार समारोह के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए श्री अरोरा ने कहा कि इस प्रतिष्ठित पुरस्कार को जीतकर पंजाब राज्य ऊर्जा दक्षता के क्षेत्र में देश के अग्रणी राज्यों में शुमार हो गया है। पंजाब के मुख्यमंत्री एस. भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली राज्य सरकार द्वारा बुनियादी ढांचे के उन्नयन के लिए उठाए गए कदमों और पहलों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, “हमने कृषि क्षेत्र में 18000 सौर ट्यूबवेल पंप लगाए हैं और इनकी संख्या बढ़ाने के प्रयास जारी हैं। इसके अलावा, वेरका प्लांट्स सहित लघु एवं मध्यम उद्यम क्षेत्र में 185 ऊर्जा कुशल मोटरें भी लगाई गई हैं। राज्य सरकार ने सरकारी भवनों में 35 मेगावाट क्षमता की रूफटॉप परियोजनाएं भी सफलतापूर्वक स्थापित की हैं।”

श्री अमन अरोरा ने कहा कि इमारतों में ऊर्जा दक्षता, ऊर्जा कुशल डिजाइन, निर्माण सामग्री को अपनाकर और ऊर्जा संरक्षण भवन संहिता का उपयोग करके वाणिज्यिक क्षेत्र में ऊर्जा बचाने के प्रमुख क्षेत्रों में से एक है।

उन्होंने आगे बताया कि इसके अलावा, पंजाब ने राज्य में लागू मिश्रित जलवायु क्षेत्र के लिए राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण भवन संहिता में संशोधन करके पंजाब ऊर्जा संरक्षण भवन संहिता विकसित और अधिसूचित करने में अग्रणी भूमिका निभाई है। भवन उपनियमों को शामिल करके इसका कार्यान्वयन शुरू हो चुका है । अब तक 850 भवनों को ईसीबीसी नियमों के अनुपालन में लाया जा चुका है।

ऊर्जा संरक्षण और ऊर्जा दक्षता के क्षेत्र में पहल करने के लिए PEDA के अधिकारियों और कर्मचारियों के प्रयासों की सराहना करते हुए, श्री अरोरा ने खुलासा किया कि इन सभी प्रयासों के कारण अब तक 12000 मिलियन यूनिट ऊर्जा की बचत हो चुकी है।

इस बात पर जोर देते हुए कि उद्योग के विस्तार और अधिक बुनियादी ढांचे की आवश्यकता के साथ, बिजली की मांग बढ़ रही है और पारंपरिक बिजली उत्पादन से सौर, जलविद्युत और बायोमास जैसे नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों की ओर बदलाव समय की आवश्यकता है, जो ऊर्जा दक्षता और संरक्षण के लिए और सबसे महत्वपूर्ण रूप से हमारे पर्यावरण को बचाने के लिए कई तरह से फायदेमंद साबित होगा।

इस अवसर पर पीईडीए की सीईओ सुश्री नीलिमा, नवीन एवं नवीकरणीय संसाधन विभाग के प्रशासनिक सचिव डॉ. बसंत गर्ग, पीईडीए के अतिरिक्त निदेशक जसपाल सिंह और परियोजना अभियंता शरद शर्मा भी उपस्थित थे।

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