April 17, 2025
Punjab

पंजाबी लड़का रूसी सेना में पांच महीने की जबरन सेवा के बाद घर लौटा

विदेश में नौकरी की चाहत पंजाबियों के लिए अंततः मौत की सजा बनती जा रही है। परिणामस्वरूप, अजनाला के जगदेव खुर्द गांव के एक युवक, जो पर्यटक वीजा पर था, को जबरन रूसी सेना में भर्ती कर लिया गया और उसकी हत्या कर दी गई।

यह उनका सौभाग्य था कि यह युवक पांच महीने रूसी सेना में और दो महीने जेल में रहने के बाद सुरक्षित घर लौट आया।

इस संबंध में जानकारी देते हुए पीड़ित सरबजीत सिंह ने बताया कि वह अपने ही गांव के एक युवक के कहने पर टूरिस्ट वीजा पर रूस के लिए रवाना हुआ था, लेकिन जब वह रूस पहुंचा तो उसे सीधे सेना के बेस कैंप में फेंक दिया गया।

जहां 20 से 21 दिन की ट्रेनिंग के बाद उसे यूक्रेन की अग्रिम पंक्ति में भेजा गया, इसकी जानकारी देते हुए सरबजीत सिंह ने बताया कि उसे वीजा दिलाने वाले व्यक्ति ने उससे कहा था कि उसे वहां जाकर सिर्फ कूरियर का काम करना है।

उन्हें 80 से 85,000 रुपये मासिक वेतन मिलता था, लेकिन जब वे वहां पहुंचे तो उन्हें सीधे सेना में भर्ती कर लिया गया। उन्होंने बताया कि उन्हें 30-35 घंटे बाद ही थोड़ी मात्रा में चावल खाने को दिया गया।

पानी भी कभी-कभार ही उपलब्ध होता था। उन्होंने बताया कि उन्होंने यूक्रेन के खिलाफ पांच महीने तक लड़ाई लड़ी, जिसमें कई पंजाबी व अन्य युवा घायल हुए और कई की मौत हो गई। उन्होंने कहा कि यह गुरु रामदास पातशाह की कृपा ही थी कि वह सुरक्षित घर लौट आए। उन्होंने कहा कि जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रूस के दौरे पर गए थे तो उन्होंने यह मुद्दा उठाया था।

उनके युवाओं को देश वापस भेजा जाना चाहिए, जो कि रूसी सरकार ने किया है। उन्होंने कहा कि उन्हें बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी कि वे जीवित घर लौट सकेंगे।

इस संबंध में सरबजीत सिंह की मां ने बताया कि उनके घर के हालात दिन-प्रतिदिन खराब होते जा रहे हैं और उनकी तबीयत भी खराब होती जा रही है। जब उसके पोते-पोतियों ने उससे पूछा कि उसके पिता कब आएंगे तो उसके पास कोई जवाब नहीं था, लेकिन आज वह भगवान का शुक्रिया अदा करती है कि उसका बेटा सकुशल घर लौट आया है।

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