मुंबई, 6 अक्टूबर । मुंबई मलाड लिबर्टी गार्डन के पास केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने रविवार को वीर सावरकर की प्रतिमा का अनावरण किया।
इस दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए पीयूष गोयल ने कहा कि, वीर सावरकर भारत की आत्मा के साथ जुड़े हुए हैं। वो भारत के गौरव हैं। उनका तप और त्याग करोड़ों देशभक्तों के लिए प्रेरणास्रोत है। मुझे आज वीर सावरकर की प्रतिमा का अनावरण करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ, ये मेरे लिए गौरव की बात है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी जिस तरह से वीर सावरकर को लेकर अपमानजनक टिप्पणी करते हैं, क्या उनके सहयोगी दल के नेता उनके इस बयान से सहमत हैं। इसका जवाब महाराष्ट्र और देश की जनता को उन्हें देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि, राहुल गांधी सोची समझी तुष्टीकरण की नीति के तहत वीर सावरकर का अपमान करते हैं। ऐसे में उद्धव ठाकरे, आदित्य ठाकरे, नाना पटोले, वर्षा गायकवाड़, शरद पवार को यह बताना चाहिए कि क्या वे राहुल गांधी के इस वक्तव्य के साथ खुद को जोड़ते हैं या इसकी निंदा करते हैं।
दरअसल बीते दिनों कर्नाटक के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री दिनेश गुंडू राव ने एक कार्यक्रम में वीर सावरकर को लेकर विवादास्पद टिप्पणी की थी। मंत्री ने सावरकर के संबंध में दावा किया था कि वे एक ब्राह्मण थे, फिर भी मांसाहारी थे। इतना ही नहीं उन्होंने मोहम्मद अली जिन्ना के मुकाबले सावरकर को ज्यादा कट्टरपंथी बताया।
उन्होंने अपने बयान में कहा था कि, वीर सावरकर एक ब्राह्मण थे, लेकिन वह मांसाहारी थे और बीफ खाते थे। उन्होंने कभी गाय के वध का विरोध नहीं किया। इस विषय पर उनकी सोच काफी आधुनिक थी। उनके विचार एक तरह से कट्टरपंथी थे, जबकि दूसरी तरफ वह आधुनिकता को अपनाते थे। कुछ लोग यह भी कहते हैं कि वह एक ब्राह्मण होने के नाते खुलकर मांस खाते थे और इसका प्रचार करते थे।