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राहुल गांधी गंभीर नेता नहीं, संसद सत्र के दौरान मौज करने के लिए विदेश जा रहे: भाजपा विधायक राम कदम

Rahul Gandhi is not a serious leader, he is going abroad to have fun during the Parliament session: BJP MLA Ram Kadam

लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के विदेश दौरे को लेकर भारतीय जनता पार्टी हमलावर है। भाजपा विधायक राम कदम ने सोमवार को राहुल गांधी पर तंज कसते हुए कहा कि वे मौज के लिए विदेश जा रहे हैं।

विधायक राम कदम ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “राहुल गांधी कभी एक गंभीर राजनेता के रूप में सामने नहीं आए। अब शीतकालीन सत्र चल रहा है। पूरे देश से अलग-अलग प्रश्नों को सत्र में उठाया जाता है, लेकिन राहुल गांधी अब मौज करने के लिए विदेश जा रहे हैं। देश के हर सांसद को संसद के सत्र का बेसब्री से इंतजार होता है कि वे कब सदन में आएं और अपने विषयों को रखें, लेकिन बार-बार देखा गया है कि राहुल गांधी न कभी गंभीर राजनेता थे, न हैं और न कभी आगे हो पाएंगे। उनके अंदर इसकी काबिलियत नहीं है।”

भाजपा विधायक ने कहा, “जब भी वे विदेश जाते हैं, वहां पर भारत की आलोचना करते हैं। वे जिस देश में खाते-पीते हैं, विदेश में जाकर इसी देश की आलोचना करते हैं। राहुल विदेश गए हैं, यह उनकी अपनी मर्जी है, लेकिन विदेश की धरती से मां भारती का अनादर न करें।”

राम कदम ने कांग्रेस रैली में पीएम मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक नारों पर कहा, “पीएम मोदी की छवि न केवल देश में बल्कि पूरे विश्व में एक विश्व नेता के रूप में है। यही दर्द कांग्रेस नेताओं को है। वे पीएम मोदी के सामने जीत नहीं सकते। हर बार हार का सामना करना पड़ता है। कांग्रेस की अभद्र वाणी के पीछे भी यही वजह है।” यह कांग्रेस और उसके कार्यकर्ताओं की छोटी सोच की परिचायक है। एक पुरानी कहावत है कि कौवे के शाप से गोमाता को कुछ नहीं होता। पीएम मोदी के साथ देश के करोड़ों लोगों की दुआ और आशीर्वाद है।”

महाराष्ट्र समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और विधायक अबू आजमी के हालिया बयान पर राम कदम ने कहा, “अबू आजमी हमेशा विवादित बयान देने के लिए जाने जाते हैं। देश के लिए बलिदान जाति या धर्म देखकर नहीं दिया जाता। इस देश से प्यार करने वाले हर इंसान ने इसके लिए बलिदान दिया है।”

दरअसल अबू आजमी ने कहा था कि औरंगजेब को इतिहास में एक अच्छे प्रशासक के रूप में देखा जाना चाहिए। उन्होंने ये भी कहा कि औरंगजेब तथा छत्रपति संभाजी महाराज के संघर्ष में धर्म की भूमिका नहीं थी, बल्कि इसके पीछे की वजह सत्ताधिकार और जमीन का संघर्ष था। सपा नेता ने कहा कि वे जाति और धर्म के विभाजन में विश्वास नहीं करते।

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