लखनऊ, 26 जुलाई । निषाद पार्टी के प्रमुख और उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री संजय निषाद ने शनिवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के उस बयान को लेकर उन पर निशाना साधा, जिसमें उन्होंने कहा था कि हमें सत्ता में रहते हुए जिस तरह के कार्य ओबीसी समुदाय के लिए करने चाहिए थे, वैसा हम नहीं कर पाए।
इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मंत्री संजय निषाद ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में कहा कि राहुल गांधी को अपनी गलती नहीं स्वीकारनी चाहिए, बल्कि माफी मांगनी चाहिए। मुझे यह कहने में कोई हिचक नहीं है कि यह लोग 70 सालों तक सत्ता में रहे। लेकिन, अफसोस, आज तक इन लोगों ने देश की जनता के लिए कोई कदम नहीं उठाया। इन्होंने सिर्फ लोगों के हितों पर कुठाराघात किया।
उन्होंने बॉलीवुड के गाने ‘बहुत देर हो गई’ का जिक्र करके भी कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा कि अब तो बहुत देर हो चुकी है। ये लोग सत्ता में सात दशकों तक रहे। लेकिन, अफसोस आज तक इन लोगों ने देश की जनता के हित के लिए कोई कदम नहीं उठाया। ऐसी स्थिति में अब देश की जनता इन लोगों को बिल्कुल भी मौका देने के मूड में नहीं है। इन लोगों को पर्याप्त मौका पहले ही दिया जा चुका है।
साथ ही, संजय निषाद ने कांग्रेस नेता उदित राज की ओर से राहुल गांधी को ओबीसी समुदाय का अंबेडकर कहे जाने की निंदा की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेता किस मुंह से राहुल गांधी को अंबेडकर की संज्ञा दे रहे हैं। अंबेडकर ने त्याग किया था। जबकि कांग्रेस और अंबेडकर के बीच हमेशा से ही मतभेद रहे थे। वजह यह थी कि कांग्रेस ने हमेशा अंबेडकर के राजनीतिक विस्तार को रोका। इतना ही नहीं, संविधान सभा में तो कांग्रेस ने इस बात का भी विरोध किया था कि आखिर संविधान में आरक्षण की व्यवस्था क्यों की जा रही है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस और अंबेडकर के बीच कोई कनेक्शन नहीं है। कांग्रेस के शासनकाल में हमेशा से ही दलितों पर अत्याचार हुए हैं। जब यह लोग सत्ता से बाहर चले जाते हैं, तो इन लोगों को अंबेडकर याद आने लगते हैं। अंबेडकर का सिद्धांत था कि अनुसूचित जातियों के उत्थान की दिशा में काम किया जाए। लेकिन, कांग्रेस ने सत्ता में रहते हुए दलित समुदाय के उत्थान के लिए कोई कदम नहीं उठाया। आज की तारीख में दलित समुदाय कांग्रेस के दोहरे मापदंड से वाकिफ हो चुका है।
वहीं, उन्होंने विपक्ष की ओर से ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर सवाल किए जाने पर कहा कि आज तक देश में जितने भी ऑपरेशन हुए, वो राष्ट्रहित को देखते हुए किए गए। इस ऑपरेशन का सभी ने समर्थन किया। हमारी सेना ने इस ऑपरेशन के तहत दुश्मनों को परास्त किया। इसके अलावा, विपक्षी दलों के नेता इसे लेकर सवाल उठा रहे हैं। इससे साफ जाहिर हो रहा है कि ये लोग विदेशी प्रवक्ता के रूप में काम कर रहे हैं।