समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता अबू आजमी ने मतदाता सूची में कथित हेरफेर और धार्मिक सम्मान के मुद्दे पर चिंता जताई। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में राहुल गांधी की बात पर पूरी सहमति जताते हुए कहा कि मामला गंभीर है।
उन्होंने अपने इलाके का उदाहरण देते हुए कहा कि मानखुर्द शिवाजी नगर में 6 महीने पहले वोट देने वाले लोगों के नाम सूची से हटा दिए गए और उनकी जगह उन लोगों के नाम डाले गए जो वहां के निवासी नहीं हैं। लोग चिल्लाते रहते हैं, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है। यह चोरी मशीनों की वजह से हो रही है और सत्ता पक्ष चुनाव आयोग को अपने इशारे पर चला रहा है।
उन्होंने सभी पार्टियों से इस मुद्दे पर एकजुट होकर विरोध करने की अपील की।
आजमी ने अमेरिका और इजरायल की नीतियों पर भी निशाना साधा और कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरह हमारे नेता भी दावे करते हैं, लेकिन सच्चाई सामने नहीं लाते। अमेरिका और इजरायल के उत्पादों का बहिष्कार होना चाहिए।
अबू आजमी के अनुसार भारत को पड़ोसी देशों बांग्लादेश, पाकिस्तान, भूटान, श्रीलंका और नेपाल के साथ अच्छे संबंध रखने चाहिए। उन्होंने लोहिया के विचारों का हवाला देते हुए एक महासंघ बनाने की वकालत की ताकि अमेरिका की दादागिरी खत्म हो।
इसके अलावा, सपा नेता ने धार्मिक भावनाओं के अपमान पर चिंता जताई और उदयपुर घटना का जिक्र करते हुए कहा कि एक दर्जी की हत्या गलत थी।
उन्होंने कहा कि नूपुर शर्मा ने अपमानजनक टिप्पणी की, जिसे भाजपा ने गलत मानकर उन्हें हटाया था। सुप्रीम कोर्ट ने भी इस पर चिंता जताई थी। जो भी धार्मिक हस्तियों, चाहे देवी-देवता हों, कुरान, वेद, गांधीजी, या शिवाजी महाराज के खिलाफ अपमानजनक बात करे, उसे कम से कम 10 साल की सजा मिलनी चाहिए। उन्होंने अपने प्राइवेट मेंबर बिल का हवाला देते हुए सरकार से इस कानून को लागू करने की अपील की।
समाजवादी पार्टी नेता ने कहा कि जो लोग ऐसी बातें करते हैं, उन्हें जेल भेजा जाए और जुर्माना लगाया जाए। उन्होंने खुद को मुसलमान बताते हुए कहा कि वह किसी धर्म के खिलाफ नहीं बोलते, लेकिन अगर कोई धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाए, तो सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।