January 10, 2025
Uttar Pradesh

वाराणसी स्टेशन पर रेलवे का स्पेशल गार्ड ‘भोलू’ लोगों को करेगा जागरूक

Railway’s special guard ‘Bholu’ will make people aware at Varanasi station

वाराणसी, 10 जनवरी । वाराणसी स्टेशन पर यात्रियों की मदद के लिए एक स्पेशल एआई गार्ड ‘भोलू’ को नियुक्त किया गया है। महाकुंभ के अवसर पर यात्रियों की भारी भीड़ को ध्यान में रखते हुए, भोलू गार्ड ने एक नया एआई वर्जन लिया है, जो यात्रियों को स्वच्छता, स्टेशन पर उपलब्ध सुविधाओं, रेलवे के नियमों और टिकट डाउनलोडिंग सहित महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करेगा।

भोलू न केवल बैनर और पोस्टर्स के माध्यम से यात्री जागरूकता फैलाएगा, बल्कि वह यात्रियों को स्टेशन परिसर में उपलब्ध सुविधाओं, मेडिकल सहायता, नो पार्किंग और अन्य जानकारी भी देगा। इसके अलावा, यह एआई गार्ड यात्रियों को रेलवे के नियम और कानूनों से भी अवगत कराएगा, ताकि यात्री सही तरीके से यात्रा कर सकें।

वाराणसी स्टेशन डायरेक्टर, अर्पित गुप्ता ने आईएएनएस से बात करते हुए बताया, “भोलू गार्ड सबसे पहले 2002 में अस्तित्व में आया था, जब भारतीय रेल के 150 वर्ष पूरे हुए थे। अब 2025 में महाकुंभ का पर्व है, तो हमारी टीम ने सोचा कि इसको एक आधुनिक रूप में पेश किया जाए। इसलिए, हमने पहली बार आईटी का उपयोग करते हुए भोलू गार्ड का एक नया और आधुनिक स्वरूप तैयार किया है, जिसे एक तरह से पुनर्जन्म कहा जा सकता है। हमने इस पर सात से आठ नए पोस्टर डिजाइन किए हैं, और सभी डिजाइन हमारी टीम ने इन-हाउस किए हैं। इन पोस्टरों में तंबाकू छोड़ने, नो पार्किंग, स्टेशन पर उपलब्ध सुविधाओं, मेडिकल हेल्प आदि से संबंधित संदेश हैं, ताकि भोलू गार्ड युवा पीढ़ी को जागरूक कर सके।”

बता दें कि साल 2002 में भारतीय रेलवे द्वारा लॉन्च किए गए भोलू गार्ड का मुख्य उद्देश्य था यात्रियों को जागरूक करना। हालांकि, कुछ समय बाद यह प्रतीक गायब हो गया था। लेकिन अब वाराणसी जंक्शन के डायरेक्टर अर्पित गुप्ता की मेहनत से भोलू गार्ड का एआई अवतार फिर से वाराणसी कैंट रेलवे स्टेशन पर सेवा में लाया गया है। यह नया अवतार तकनीकी और डिजिटल बदलाव को दर्शाता है, जिससे यात्रियों को बेहतर जानकारी और सहायता मिलेगी।

भारतीय रेलवे का यह खास प्रतीक, भोलू, एक हाथी के रूप में डिजाइन किया गया है और यह हाथ में हरे रंग का लालटेन लिए खड़ा रहता है। इसे पहली बार भारतीय रेलवे के 150 वर्ष पूरे होने के अवसर पर 16 अप्रैल 2002 को बेंगलुरु में प्रदर्शित किया गया था। बाद में 2003 में इसे भारतीय रेलवे के स्थाई शुभंकर के रूप में अपनाया गया था। भोलू को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन ने डिज़ाइन किया था और अब लगभग 21 साल बाद इसे फिर से वाराणसी में सेवा में वापस लाया गया है।

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