August 29, 2025
National

तेलंगाना के कामारेड्डी और मेडक में बारिश से हाहाकार, 50 साल का टूटा रिकॉर्ड

Rain wreaks havoc in Kamareddy and Medak in Telangana, 50 years old record broken

तेलंगाना के कामारेड्डी और मेडक जिलों में पिछले 50 सालों में सबसे भारी बारिश ने तबाही मचाई है। 26-27 अगस्त को हुई मूसलाधार बारिश से दोनों जिलों में बाढ़ ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया। कामारेड्डी के राजमपेट मंडल में अरगोंडा स्टेशन पर 44 सेमी बारिश दर्ज की गई, जबकि 23 स्थानों पर 20 सेमी से अधिक बारिश हुई। इनमें कामारेड्डी में 10, मेडक में 6, निर्मल में 4, और निजामाबाद व सिद्दीपेट के कुछ स्थान शामिल हैं। यह पिछले 50 साल में सबसे तीव्र बारिश मानी जा रही है।

कामारेड्डी में बाढ़ से 6 मंडल कामारेड्डी, बीबीपेट, राजमपेट, निजामसागर, येल्लारेड्डी और मचारेड्डी बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। मेडक में हवेली घनपुर, पपन्नापेट, रामायमपेट, शंकरमपेट (ए) और निजामपेट सबसे ज्यादा प्रभावित मंडल हैं। बाढ़ के कारण सड़कें, रेलवे ट्रैक और कई गांव जलमग्न हो गए हैं। कामारेड्डी के हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी, जीआर कॉलोनी, टीचर्स कॉलोनी और सरमपल्ली जैसे क्षेत्रों में पानी भर गया। पेड्डा चेरुवु झील और पोचारम जलाशय के उफान से आसपास के इलाकों में खतरा बढ़ गया है।

बचाव कार्यों में 15 राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) और 5 राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) टीमें लगी हुई हैं। हैदराबाद की टीएएसए इकाई के 100 सैन्यकर्मी मेडक में राहत कार्यों में जुटे हैं। अब तक 500 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। एसडीआरएफ ने बोग्गू गुडिसे में 9 और गुंकल गांव में 5 लोगों को बचाया। मेडक में पशु जन्म नियंत्रण केंद्र के पास फंसे 5 लोगों और नक्कावागु में कार की छत पर फंसे एक व्यक्ति को भी सुरक्षित निकाला गया। रामायमपेट में 350 अनुसूचित जाति महिला डिग्री कॉलेज की छात्राओं और 80 बालिका छात्रावास की छात्राओं को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। सरधना गांव के 375 लोगों को पुनर्वास शिविरों में स्थानांतरित किया गया।

हैदराबाद-नागपुर राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच 44) तीन जगहों पर धंस गया, जिससे यातायात ठप हो गया। भिकनूर मंडल के रामेश्वरपल्ली में रेलवे ट्रैक क्षतिग्रस्त होने से ट्रेन सेवाएं रद्द कर दी गईं। मेडक में 47 सड़कों, 23 पुलियों और 15 पुलों पर पानी भरने से यातायात अवरुद्ध है। 16 तालाब टूट गए, जिससे गांवों को सतर्क किया गया है।

दुर्भाग्यवश एक व्यक्ति की दीवार गिरने से मौत हो गई और डोमकोंडा में नीलकट्टा वागु में दो लोगों को ले जा रही कार बह गई। राजपेट पुल पर गंडारी वागु के तेज बहाव में दो लोग बह गए। बाढ़ से कृषि क्षेत्रों को भारी नुकसान हुआ है और फसलों की क्षति का आकलन जारी है।

मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया और अधिकारियों को तत्काल राहत कार्य सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। आपदा प्रबंधन के विशेष मुख्य सचिव अरविंद कुमार ने बताया कि दोनों जिलों में 30 सेमी से अधिक बारिश दर्ज की गई। प्रभावित लोगों को भोजन और आवश्यक सामग्री दी जा रही है। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने गुरुवार को मेडक, कामारेड्डी, सिद्दीपेट, निजामाबाद और निर्मल के लिए रेड अलर्ट जारी किया है।

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