जयपुर, 28 मार्च । राजस्थान के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) उत्कल रंजन साहू ने जेलों से मोबाइल के जरिए धमकी देने की बढ़ती घटनाओं पर चिंता जताते हुए सख्त कदम उठाने की बात कही है। पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने स्वीकार किया कि जेलों में मोबाइल और सिम कार्ड का पहुंचना एक गंभीर समस्या है।
डीजीपी साहू ने कहा, “समय-समय पर जेलों से मोबाइल के जरिए बाहर धमकी दी जा रही है। यह सही है कि सिस्टम में निचले स्तर पर कुछ कमियों के कारण ऐसी घटनाएं हो रही हैं। पुलिस इन मामलों में लगातार कार्रवाई कर रही है और राज्य के सभी जेलों में तलाशी अभियान भी चलाया जा रहा है। मोबाइल या सिम मिलने पर कानूनी कार्रवाई की जाती है।”
डीजीपी ने जेलों में हाईटेक जैमर लगाने की योजना का खुलासा करते हुए कहा, “अब ऐसी तकनीक लाई जा रही है, जिसके बाद जेलों से बाहर बात करना असंभव हो जाएगा। इसके लिए सरकार ने अनुमति दे दी है और जेल विभाग इस दिशा में तेजी से काम कर रहा है। अब जेलों में ऐसे हाईटेक जैमर लगाने की तैयारी है, जिनके लगने के बाद जेलों से बाहर बात ही नहीं हो पाएगी। इसके बाद जेलों में मोबाइल जाने या सिम जाने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। अगर मोबाइल और सिम को जेल में पहुंचने से पूरी तरह नहीं रोका जा सका, तो कम से कम यह सुनिश्चित किया जाएगा कि जेल से कॉल न हो सके।”
उन्होंने अपराध पर नियंत्रण को लेकर भी अपनी राय रखी। पुलिस महानिदेशक ने कहा, “अपराध को पूरी तरह खत्म करना संभव नहीं है, क्योंकि लालच के कारण लोग अपराध करते हैं। लेकिन इसे नियंत्रित करना हमारी क्षमता पर निर्भर करता है। हमारा प्रयास अपराध को कम से कम करने का है।”
जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ ने जयपुर सेंट्रल जेल से उपमुख्यमंत्री को धमकी देने के मामले में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कंट्रोल रूम पर कॉल कर धमकी देने वाले बदमाश और संलिप्त लोगों की पहचान कर ली गई है। इस मामले में जांच और अनुसंधान जारी है।
कमिश्नर ने कहा, “इससे पहले मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को दो बार जेल से धमकी दी गई थी, जिसमें एक ही शख्स शामिल था। लेकिन इस बार उपमुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा को धमकी देने वाला व्यक्ति अलग है। पुलिस और जेल प्रशासन इन घटनाओं को रोकने के लिए मिलकर कदम उठा रहे हैं, ताकि भविष्य में ऐसी वारदातों पर लगाम लगाई जा सके।”