सरगुजा, 2 अगस्त । छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के उदयपुर विकास खंड में पर्यावरण संरक्षण मंडल द्वारा प्रस्तावित केंते एक्सटेंशन खुली खदान परियोजना के लिए जन सुनवाई शुक्रवार को संपन्न हुई।
राजस्थान राज्य के स्वामित्व वाली राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (आरआरवीयूएनएल) 1760 हेक्टेयर में फैली 11 मिलियन टन की वार्षिक कोयला उत्पादन क्षमता वाली एक नई कोयला खदान और एक अत्याधुनिक वाशरी परियोजना खोलेगी।
आरआरवीयूएनएल को यह सफलता सरगुजा स्थित 15 मिलियन टन कोयला उत्पादन वाली परसा ईस्ट केते बासन (पीईकेबी) खदान के 12 साल के सफल संचालन और समुदाय लक्षी कार्यक्रमों के कारण मिली है।
खुद की खदानों से कोयले के उत्पादन से राजस्थान की कोल इंडिया और महंगे आयातित कोयले पर निर्भरता कम होगी। कोयला मंत्रालय ने पीईकेबी ब्लॉक को इसके उत्कृष्ट संचालन के लिए प्रतिष्ठित फाइव-स्टार रेटिंग प्रदान की है।
आरआरवीयूएनएल ने शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, आजीविका और ग्रामीण बुनियादी ढांचे के विकास सहित अन्य चीजों पर ध्यान केंद्रित करते हुए कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) पहलों में पर्याप्त निवेश किया है।
उदयपुर तहसील के केंते, बासेन, चकेरी, परोगिया और 10 किलोमीटर के दायरे में आने वाले आसपास के गांवों से हजारों ग्रामीण बारिश के बावजूद सुबह 8 बजे से 11 बजे तक निर्धारित जन सुनवाई दौरान अपना समर्थन व्यक्त करने के लिए पहुंचे। यह सुनवाई करीब सात घंटे से ज्यादा समय तक चली।
सरगुजा के पर्यावरण संरक्षण मण्डल के क्षेत्रीय अधिकारी विजय सिंह पोर्ते और अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट सुनील कुमार नायक ने जन सुनवाई की अध्यक्षता की।
जन सुनवाई के अंत में आरआरवीयूएनएल के अतिरिक्त मुख्य अभियंता वीपी गर्ग ने कंपनी के सामाजिक सरोकारों के माध्यम से विकास कार्य करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की। इसके साथ जन सुनवाई के आयोजन में शामिल सभी ग्रामीणों, प्रशासनिक अधिकारियों, हितधारकों का आभार जताया।
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