April 1, 2025
National

राजस्थान : ब्यावर में नाइट्रोजन गैस का रिसाव, फैक्ट्री मालिक समेत तीन की मौत, कई प्रभावित

Rajasthan: Nitrogen gas leak in Beawar, three dead including factory owner, many affected

राजस्थान के ब्यावर में सोमवार रात एक तेजाब फैक्ट्री के गोदाम में खड़े टैंकर से नाइट्रोजन गैस के रिसाव ने भयावह रूप ले लिया। इस हादसे में फैक्ट्री मालिक सुनील सिंघल (47) सहित तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि दो अन्य की हालत गंभीर बनी हुई है। हादसे से 60 से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं, जिन्हें ब्यावर और अजमेर के सरकारी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।

घटना ब्यावर के बाड़िया क्षेत्र में स्थित सुनील ट्रेडिंग कंपनी में सोमवार रात करीब 10 बजे हुई। फैक्ट्री के गोदाम में खड़े टैंकर से अचानक नाइट्रोजन गैस का रिसाव शुरू हुआ, जो तेजी से आसपास के रिहायशी इलाकों में फैल गया। गैस की चपेट में आने से लोगों को सांस लेने में तकलीफ, आंखों में जलन और उल्टी की शिकायतें हुईं। गैस का असर इतना व्यापक था कि कई पालतू और आवारा जानवरों की भी मौत हो गई।

फैक्ट्री मालिक सुनील सिंघल ने रातभर गैस को नियंत्रित करने की कोशिश की, इसी बीच उनकी तबीयत बिगड़ गई, उन्हें अजमेर के जेएलएन अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी मृत्यु हो गई। मंगलवार सुबह दो अन्य पीड़ितों, नरेंद्र सोलंकी (40) और दयाराम (52) की भी इलाज के दौरान मौत हो गई। गंभीर रूप से पीड़‍ित बाबूलाल (54) और लक्ष्मी देवी (62) अभी भी अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं।

सूचना मिलते ही पुलिस, प्रशासन और फायर ब्रिगेड की टीमें मौके पर पहुंचीं और रात 11 बजे तक गैस रिसाव पर काबू पाया गया। प्रशासन ने फैक्ट्री के आसपास के घरों को खाली करवाकर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया।

स्थानीय निवासी महेंद्र सिंघल ने बताया कि गैस रिसाव के दौरान उनके परिवार को सांस लेने में तकलीफ और आंखों में जलन हुई, जिसके बाद वे खुद ही घर छोड़कर भागे। वहीं अजमेर के कलेक्टर डॉ. महेंद्र खड़गावत ने फैक्ट्री को सील करने के आदेश दिए हैं।

ब्यावर एसडीएम दिव्यांश सिंह ने कहा कि घटना की गहन जांच शुरू कर दी गई है। नगर परिषद, राजस्व और पुलिस विभाग की संयुक्त टीम क्षेत्र का सर्वे करेगी। पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर यह पता लगाने की कोशिश शुरू की है कि रिसाव की वजह क्या थी और क्या फैक्ट्री में सुरक्षा मानकों का पालन किया जा रहा था।

हादसे के बाद इलाके में दहशत का माहौल है। लोग अपने घरों में लौटने से डर रहे हैं। यह घटना औद्योगिक इकाइयों में सुरक्षा मानकों की अनदेखी की ओर इशारा करती है। जांच रिपोर्ट से ही यह साफ होगा कि इस त्रासदी के लिए जिम्मेदार कौन है और आगे क्या कदम उठाए जाएंगे।

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