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राजनाथ सिंह रक्षा मंत्री बने, डोमेस्टिक डिफेंस प्रोडक्शन और रक्षा उत्पादों के निर्यात को मिलेगा बढ़ावा

Rajnath Singh becomes Defense Minister, domestic defense production and export of defense products will get a boost.

नई दिल्ली, 11 जून । राजनाथ सिंह एक बार फिर से देश के रक्षा मंत्री बनाए गए हैं। मोदी सरकार 2.0 में बीते 5 वर्षों तक वह रक्षा मंत्री का कार्यभार संभाल चुके हैं।

इस दौरान उनकी बड़ी उपलब्धियां में भारत के रक्षा निर्यात को नई ऊंचाइयों तक ले जाना शामिल रहा है। राजनाथ सिंह ने रक्षा उत्पादों के निर्यात के लिए 50,000 करोड़ का लक्ष्य रखा है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में रक्षा निर्यात रिकॉर्ड 21,083 करोड़ रुपये (लगभग 2.63 बिलियन अमेरिकी डॉलर) तक पहुंच चुका है।

इससे पिछले वित्त वर्ष की तुलना में यह 32.5 प्रतिशत अधिक है। माना जा रहा है कि अब एक बार फिर से रक्षा मंत्रालय का कार्यभार मिलने पर राजनाथ सिंह स्वदेशी माध्यमों से सेना के आधुनिकरण व रक्षा उत्पादों के निर्यात को गति देंगे।

गौरतलब है कि भारत का रक्षा निर्यात वित्त वर्ष 2013-14 में केवल 686 करोड़ रुपये था। वित्त वर्ष 2022-23 में यह बढ़कर लगभग 16,000 करोड़ रुपये तक पहुंचा। 2023-24 में रक्षा निर्यात रिकॉर्ड 21,083 करोड़ रुपये हो गया।

राजनाथ सिंह केंद्रीय कैबिनेट के सबसे वरिष्ठ मंत्रियों में शुमार हैं। रविवार को हुए शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री के बाद राजनाथ सिंह को केंद्रीय मंत्री पद की शपथ दिलाई गई थी। रक्षा मंत्री रहते हुए राजनाथ सिंह का मानना रहा है कि आत्मनिर्भर, प्रतिस्पर्धी और मजबूत अर्थव्यवस्था के निर्माण में स्वदेशी उद्योगों की बहुत बड़ी भूमिका है।

सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में कई नीतिगत पहल की हैं और रक्षा उपकरणों के स्वदेशी डिजाइन, विकास और विनिर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए सुधार लाए हैं। वर्ष 2014 के आसपास जहां भारत डोमेस्टिक डिफेंस प्रोडक्शन लगभग 40 हजार करोड़ रुपये था, वहीं अब यह लगभग 1 लाख 10 हजार करोड़ रुपये के रिकॉर्ड आंकड़े को पार कर चुका है।

भारत ने मेक इन इंडिया और डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर जैसे इनिशिएटिव के माध्यम से यह सुनिश्चित किया कि अपनी सेनाओं की जरूरत के लिए अत्याधुनिक हथियार भारत में ही निर्मित करें और यदि संभव हो तो हम उसे निर्यात भी करें।

रक्षा मंत्री बता चुके हैं कि डोमेस्टिक कंपनियां के हितों का भी ध्यान रखा गया है। सरकार ने डिफेंस कैपिटल प्रोक्योरमेंट करने के लिए रक्षा बजट का 75 प्रतिशत, डोमेस्टिक कंपनियां से खरीद के लिए रिजर्व किया है।

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, हमारी ऑर्डिनेंस फैक्ट्रियां पुरानी व्यवस्था में भी अच्छा काम कर रही थीं, लेकिन नए समय को देखते हुए, नई जरूरतों को देखते हुए, ऑर्डिनेंस फैक्ट्रियों का कॉरपोरेटाइजेशन किया गया, ताकि वे और ज्यादा टेक्नोलॉजी फ्रेंडली बन सकें और ज्यादा आउटपुट दे सकें।

रक्षा मंत्रालय का कहना है कि ऐसा नहीं है कि बिना सोचे-समझे कॉरपोरेटाइजेशन किया गया है। इसमें राष्ट्रीय सुरक्षा का ध्यान रखा गया है। भारत में जब 2014 में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार आई, तो रक्षा क्षेत्र को सबसे बड़ी प्राथमिकताओं में से एक रखा गया। रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ाए गए। अनेक ऐसे कार्य किए जो भारत के रक्षा क्षेत्र को मजबूत करते हैं।

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