देश में आपसी सौहार्द और भाईचारे का पर्व होली अब नजदीक आ गया है। होली के मद्देनजर बाजारों में खूब चहल-पहल देखने को मिल रही है। वहीं, राजस्थान में राजसमंद के बाजारों में खासी रौनक देखी जा रही है।
होली का त्योहार आपसी सौहार्द और भाईचारे का प्रतीक है। राजसमंद के बाजारों में तरह-तरह की आकर्षक पिचकारियां और हर्बल रंगों की खूब बिक्री हो रही है। व्यापारी अपनी दुकानों को सजाकर पिचकारियां, अबीर और गुलाल बेच रहे हैं। वहीं, स्थानीय लोग बच्चों के लिए इन पिचकारियों को खरीदने में रुचि दिखा रहे हैं। मौसम में बदलाव के साथ ही लोगों में होली को लेकर जबरदस्त उत्साह नजर आ रहा है।
बता दें कि देशभर में रंगों का त्योहार होली 14 मार्च को बड़ी धूमधाम से मनाया जाएगा। होली खेलने के लिए केमिकल मुक्त गुलाल की मांग होने लगी है। राजस्थान में हर्बल रंगों की खूब बिक्री हो रही है। राजस्थान के अलग-अलग हिस्सों में पलाश के फूलों से तैयार प्राकृतिक रंग बेचे जा रहे हैं। राजस्थान के अलावा अन्य राज्यों में भी प्राकृतिक रंगों की मांग बढ़ी है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, राजस्थान में सिरोही जिले के आदिवासी बहुल क्षेत्र पिंडवाड़ा उपखंड के बसंतगढ़ में हर्बल गुलाल तैयार किया जा रहा है, जो प्राकृतिक होने के कारण सुरक्षित भी है। यह काफी लोकप्रिय हो रहा है। राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद (राजीविका) के सहयोग से आदिवासी महिलाएं ये गुलाल बना रही हैं। इस गुलाल को बनाने के लिए पलाश के फूलों सहित प्राकृतिक सामग्री का उपयोग होता है, जो इसे हानिरहित और त्वचा के लिए सुरक्षित बनाता है।