अमृत सरोवर और अमृत प्लस योजनाओं के तहत, सिरसा ज़िले के 23 गाँवों के तालाबों का पूरी तरह से पुनरुद्धार किया गया है, जिससे बदबूदार रुके हुए पानी की जगह साफ़ और ताज़ा पानी आ गया है। अब पशुओं को सुरक्षित पेयजल मिल रहा है और ग्रामीण शाम को सैर और मनोरंजन के लिए इन पुनर्जीवित तालाबों पर आने लगे हैं। ये तालाब हरियाणा भर के उन 300 जलाशयों में शामिल हैं जिनका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को कुरुक्षेत्र में एक राज्य स्तरीय कार्यक्रम में करेंगे।
सिरसा ज़िले का लक्ष्य कुल 100 तालाबों को पुनर्जीवित करना है। इनमें से 23 पूरे हो चुके हैं, 29 पर काम अंतिम चरण में है और शेष 48 पर तेज़ी से काम चल रहा है। इस परियोजना पर कुल 80 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है, जिसमें से 31 करोड़ रुपये पहले ही खर्च किए जा चुके हैं। अमृत प्लस घटक के तहत, फुटपाथ, घाट, बाड़, बैठने की बेंच, स्ट्रीट लाइट, अपशिष्ट जल के लिए अलग जल निकासी चैनल और उपचार प्रणालियाँ जैसी सुविधाएँ स्थापित की गई हैं।
जिन गांवों में तालाबों का जीर्णोद्धार किया गया है उनमें सिरसा ब्लॉक के बाजेकां, भावदीन और शाहपुर बेगू शामिल हैं; बड़ागुढ़ा ब्लॉक में बीरूवाला गुढ़ा, जोरार रोही, नेजाडेला खुर्द और रोरी; डबवाली में अहमदपुर दारेवाला, बनवाला और गोदिकान; नाथूसरी चोपता में जमाल और रूपावास; ओढ़ां में पन्नीवाला मोटा; और रानिया ब्लॉक में बछेर, ढुढियांवाली, बानी, केहरवाला, खैरेकां और मांगलिया।
निवासियों का कहना है कि इस बदलाव से कई लाभ हुए हैं। दुर्गंध दूर होने से गाँव का पर्यावरण बेहतर हुआ है, पशुओं को अब स्वच्छ जल उपलब्ध हो रहा है और इससे होने वाली बीमारियाँ कम हुई हैं। घरेलू अपशिष्ट जल को उपचारित करके तालाबों में डाला जाता है, जिससे दो-तीन साल तक जल की गुणवत्ता बनी रहती है। फुटपाथ, बेंच, रोशनी और बाड़ लगाने से तालाब अब सामुदायिक मनोरंजन स्थल भी बन गए हैं।
पंचायती राज के अधिशासी अभियंता गौरव भारद्वाज ने बताया कि दोनों योजनाओं के तहत 52 तालाबों पर काम चल रहा है, जिनमें से 23 पूरे हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि जिले में 100 तालाबों के पुनरुद्धार का लक्ष्य जल्द ही पूरा हो जाएगा।


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