N1Live Himachal रिलायंस रिटेल ने उपोष्णकटिबंधीय फलों के विपणन के लिए एचपी शिवा प्रोजेक्ट के साथ समझौता किया
Himachal

रिलायंस रिटेल ने उपोष्णकटिबंधीय फलों के विपणन के लिए एचपी शिवा प्रोजेक्ट के साथ समझौता किया

Reliance Retail ties up with HP Shiva Project to market subtropical fruits

रिलायंस रिटेल ने हिमाचल प्रदेश उपोष्णकटिबंधीय बागवानी, सिंचाई एवं मूल्य संवर्धन (एचपी शिवा) परियोजना के तहत उगाई जाने वाली बागवानी उपज की सोर्सिंग में गहरी रुचि दिखाई है। यह परियोजना राज्य के बागवानी क्षेत्र को मज़बूत करने के लिए एशियाई विकास बैंक (एडीबी) द्वारा वित्त पोषित एक पहल है। यह परियोजना अमरूद, लीची और नींबू जैसे उपोष्णकटिबंधीय फलों को बढ़ावा देने पर केंद्रित है, साथ ही आधुनिक सिंचाई, सौर बाड़, गुणवत्तापूर्ण रोपण सामग्री और सुनिश्चित बाज़ार संपर्कों के माध्यम से किसानों की आय में सुधार भी करती है।

हिमाचली किसानों को संगठित खुदरा बाज़ारों से जोड़ने में एक बड़ी सफलता के रूप में, राज्य से मीठे नींबू (मौसम्बी) की पहली खेप पंजाब के राजपुरा स्थित रिलायंस रिटेल आउटलेट्स को भेजी गई है। इस उत्पाद से उत्पादकों को काफ़ी बेहतर दाम मिले हैं—बिलासपुर ज़िले के फगोग और तलवारा क्लस्टर्स से लगभग एक क्विंटल फल 44 रुपये प्रति किलो बिका। इसी तरह, कांगड़ा ज़िले के धनोट क्लस्टर के विजय सिंह राणा ने कांगड़ा स्थित रिलायंस स्टोर को 80 किलो मौसम्बी की आपूर्ति की, जिससे उन्हें 55 रुपये प्रति किलो की कमाई हुई।

सहायक परियोजना निदेशक डॉ. रमल अंगारिया के अनुसार, रिलायंस रिटेल ने हिमाचल के फलों की गुणवत्ता, आकार, आकृति और रंग की सराहना की है और भविष्य में बड़ी मात्रा में ख़रीदारी करने की इच्छा व्यक्त की है। बंसी राम, प्रकाश और योगेश जैसे फल उत्पादकों ने बताया कि इस साझेदारी ने उनके लिए एक नया और लाभदायक रास्ता खोल दिया है।

परियोजना निदेशक डॉ. देविंदर सिंह ठाकुर ने रिलायंस रिटेल के साथ इस सहयोग को एक मील का पत्थर बताया, जो हिमाचल प्रदेश के किसानों को राष्ट्रीय और वैश्विक बाज़ारों से जोड़ेगा। उन्होंने कहा कि एचपी शिवा परियोजना न केवल किसानों को आधुनिक बागवानी पद्धतियों का प्रशिक्षण देती है, बल्कि संपूर्ण बाज़ार संपर्क सुनिश्चित करती है, जिससे उनके उत्पादों की ब्रांड वैल्यू और दृश्यता बढ़ती है।

डॉ. ठाकुर ने आगे कहा कि इस पहल का उद्देश्य किसानों को पारंपरिक खेती से हटकर व्यावसायिक और मूल्य-आधारित कृषि की ओर ले जाना है। बिग बास्केट, एग्री स्टोर, ज़ोमैटो और अमेज़न जैसे अन्य प्रमुख खरीदारों के साथ उत्पादकों को जोड़ने के प्रयास भी चल रहे हैं। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि यह एकीकृत मूल्य-श्रृंखला दृष्टिकोण स्थायी बाज़ार और उचित लाभ सुनिश्चित करने में मदद करेगा, जिससे हिमाचल प्रदेश के बागवानी परिदृश्य में बदलाव आएगा

Exit mobile version