इसकी दयनीय स्थिति से नाराज परिवहन यूनियनों और नालागढ़ के निवेशकों ने अधिकारियों को अल्टीमेटम दिया है कि वे 10 दिनों के भीतर पिंजौर-बद्दी-नालागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग-105 की मरम्मत करें अन्यथा वे आंदोलन शुरू करेंगे।
इस औद्योगिक क्षेत्र की जीवनरेखा माने जाने वाले इस राजमार्ग पर वाहन चालक ऐसी सड़कों पर चलने को मजबूर हैं जिनकी हालत लगातार हो रही बारिश के कारण और भी बदतर हो गई है। बद्दी से नालागढ़ तक 16 किलोमीटर लंबे मार्ग पर जगह-जगह गहरे गड्ढों के कारण वाहन चलाना मुश्किल हो रहा है। इन उबड़-खाबड़ रास्तों के कारण इस निर्माणाधीन राजमार्ग पर घंटों जाम लग रहा है।
हर बार बारिश के बाद सड़क कीचड़ से भर जाती है। बद्दी से नालागढ़ पहुँचने में डेढ़ से दो घंटे का समय लगता है, जो कि मात्र 16 किलोमीटर की दूरी है।
स्थानीय लोगों और परिवहन संघों का कहना है कि राज्य सरकार और फोर-लेन परियोजना का काम कर रही भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) दोनों ही सड़कों की दुर्दशा पर चुप हैं। करोड़ों रुपये टैक्स चुकाने के बावजूद उन्हें अपने हाल पर छोड़ दिया गया है।
परेशान ट्रक, टैक्सी और बस यूनियनों ने चेतावनी दी है कि 10 दिनों के भीतर सड़क की मरम्मत की जाए, नहीं तो वे भूख हड़ताल सहित आंदोलन शुरू करने पर मजबूर होंगे। नालागढ़ इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ने इस संबंध में एसडीएम, नालागढ़ के माध्यम से केंद्रीय सड़क एवं भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को एक ज्ञापन भी सौंपा है।
नालागढ़ ट्रक ऑपरेटर्स यूनियन के अध्यक्ष जितेंद्र ठाकुर ने सड़क की दयनीय स्थिति पर चिंता जताते हुए कहा कि इस सड़क पर दुर्घटनाएँ आम हो गई हैं। उनके वाहनों के बार-बार खराब होने से उन्हें नुकसान हो रहा है। बस ऑपरेटर्स यूनियन के अध्यक्ष मनोज राणा ने भी इसी तरह की बात कही और कहा कि इस घटिया राजमार्ग पर चलते हुए उनके वाहनों में यांत्रिक खराबी आ रही है। इससे उनके व्यवसाय पर बुरा असर पड़ रहा है और उन्होंने सरकार से तुरंत कार्रवाई करने की माँग की।