रुद्रप्रयाग, 5 अगस्त । उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में केदारनाथ घाटी में बीते पांच दिन पहले भारी बारिश के बाद बादल फटने की घटना हुई थी, जिसके बाद वहां लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। सोमवार को पांचवें दिन भी रुद्रप्रयाग और उसके आसपास रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।
सोमवार को घाटी में मौसम भी साफ बना हुआ है जिसके चलते हेलीकॉप्टर की मदद से सोमवार को रेस्क्यू करने में काफी मदद मिल रही है। रुद्रप्रयाग में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन पर लगातार मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपनी नजर बनाए रखी है। वो पल पल की जानकारी सभी अधिकारियों से ले रहे हैं।
वहीं अब इस रेस्क्यू ऑपरेशन में सेना ने भी मदद का हाथ आगे बढ़ाते हुए अब एसडीआरएफ, एनडीआरएफ के साथ मोर्चा संभाला है। साथ ही इस रेस्क्यू ऑपरेशन में अब सेना ने मिसिंग लोगों को ढूंढने के लिए 2 स्निफर डॉग भी अपने साथ शामिल किए हैं।
केदारनाथ घाटी में लिंचोली से भीमबली के बीच ड्रोन के माध्यम से भी एसडीआरएफ का सर्चिग ऑपरेशन लगातार जारी है। वहीं सोमवार को मौसम साफ होने के कारण एमआई-17 और चिनूक से रेस्क्यू शुरू हो गया है। एमआई चारधाम हेलीपैड पर यात्रियों को उतार रहा है जबकि चिनूक गौचर हवाई पट्टी पर यात्रियों को उतार रहा है। अब तक 133 लोगों को केदारनाथ से एमआई-17, चिनूक और छोटे हेलीकॉप्टर की मदद से सुरक्षित एयर लिफ्ट कर रेस्क्यू किया जा चुका है।
लिनचोली से रामबाड़ा क्षेत्र तक सर्च अभियान पूरा किया जा चुका है जिसमें अब तक किसी व्यक्ति के मिलने की पुष्टि नहीं हुई है। सोमवार सुबह 100 लोगों को सुरक्षा बलों की देखरेख में केदारनाथ धाम से लिनचोली हेलीपैड के लिए रवाना कर दिया गया।
इसके अलावा एनडीआरएफ की टीमें जंगल एवं मंदाकिनी नदी के आसपास भी लगातार सर्च अभियान चला रहे हैं।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि आज केदार घाटी में मौसम साफ होने के कारण केंद्र सरकार द्वारा भेजे गए एमआई-17 और चिनूक के माध्यम से रेस्क्यू फिर से शुरू हो चुका है। स्वयं भी लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन की मॉनिटरिंग कर रहा हूं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है। आज शुरू हुए ऑपरेशन में अभी तक 133 लोगों को सुरक्षित एयर लिफ्ट कर रेस्क्यू किया जा चुका है। रेस्क्यू किए जा रहे तीर्थयात्रियों का गौचर हेलीपैड पर स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है। और आवश्यकता पड़ने पर उन्हें प्राथमिक उपचार भी दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री धामी ने उन सभी लोगों को धन्यवाद दिया जो इस आपदा में फंसे लोगों की आगे बढ़ कर मदद कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यही तो है देवभूमि की ‘अतिथि देवो भवः’ की संस्कृति।