जकार्ता, इंडोनेशिया में बाढ़ और लैंडस्लाइड ने ऐसी तबाही मचाई है कि मौत का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है। नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट एजेंसी (बीएनपीबी) की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, जासुमात्रा आइलैंड के तीन प्रांतों में हाल ही में आई बाढ़ और लैंडस्लाइड से मरने वालों की संख्या बढ़कर 442 हो गई है।
बीएनपीबी चीफ सुहार्यंतो ने एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा, “नॉर्थ सुमात्रा में सबसे ज्यादा मौतें हुई हैं। नॉर्थ सुमात्रा में मरने वालों की संख्या 217 हो गई है, और 209 अभी भी लापता हैं। साउथ तपनौली रीजेंसी में आज के ऑपरेशन के दौरान, कई और पीड़ित मिले। आचेह प्रांत में 96 मौतें और 75 लापता बताए गए, जबकि वेस्ट सुमात्रा में 129 मौतें और 118 लापता बताए गए।”
मानवीय विकास और सांस्कृतिक मामलों के समन्वय मंत्री प्रतीकनो के मुताबिक, इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो ने आदेश दिया है कि सभी राष्ट्रीय संसाधनों को मजबूत किया जाए और जितनी जल्दी हो सके इमरजेंसी रिस्पॉन्स पर फोकस किया जाए।
डिजास्टर प्रिवेंशन एंड मिटिगेशन डिपार्टमेंट (आपदा निवारण और न्यूनीकरण विभाग) के अनुसार, दक्षिणी इलाके में आई बड़ी बाढ़ का असर 35.4 लाख लोगों पर पड़ा है, हालांकि कई इलाकों में पानी का स्तर कम हो गया है।
सबसे ज्यादा नुकसान हाट याई शहर को पहुंचा है। इस हफ्ते की शुरुआत में तेज मॉनसून के दौरान सबसे ज्यादा बारिश हुई, जिसके बाद सरकार ने सोंगखला प्रांत में इमरजेंसी की घोषणा कर दी ताकि लोगों को निकालने और बचाव के कामों को आसान बनाया जा सके।
इससे पहले सिन्हुआ न्यूज एजेंसी ने बताया कि सुहार्यंतो ने तीनों प्रांतों में तैनात बीएनपीबी यूनिट्स के साथ एक बैठक की, जिसमें इस बात पर जोर दिया गया कि जैसे ही उन इलाकों में मौसम बेहतर होने लगे, ऑपरेशन तेज कर दिया जाए।
उन्होंने कहा कि एजेंसी तीन जरूरी कामों को प्राथमिकता दे रही है: पहला, जो लोग अभी भी लापता हैं उनके लिए सर्च और रेस्क्यू ऑपरेशन चलाना; दूसरा, बाधित कम्युनिकेशन एक्सेस को ठीक करना; और तीसरा, प्रभावित निवासियों तक राहत सामग्री की तेजी से डिलीवरी सुनिश्चित करना।
इस बीच, स्थानीय अधिकारियों ने कहा है कि दक्षिणी थाईलैंड में भयंकर बाढ़ से मरने वालों की संख्या भी 150 के करीब है, क्योंकि पानी का लेवल कम होने लगा है और रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।
एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान, सरकारी प्रवक्ता सिरिपोंग अंगकासाकुलकियात ने कहा कि आठ दक्षिणी प्रांतों में जान-माल की हानि का पता चला है, सोंगखला में सबसे ज्यादा 110 लोगों की मौत हो गई है।


Leave feedback about this