उच्च शिक्षा विभाग ने उच्च शिक्षा संस्थानों में अनुसंधान और नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई हरियाणा राज्य अनुसंधान निधि (एचएसआरएफ) योजना के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं।
हाल ही में अतिरिक्त मुख्य सचिव (उच्च शिक्षा) के कार्यालय से दिशा-निर्देशों की एक प्रति सभी राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और सभी सरकारी, सहायता प्राप्त और स्व-वित्तपोषित डिग्री कॉलेजों के प्राचार्यों को आवश्यक कार्रवाई के लिए भेजी गई है।
विज्ञप्ति में कहा गया है, “इस योजना का उद्देश्य हरियाणा के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के शिक्षकों और छात्रों द्वारा उच्च-गुणवत्तापूर्ण, स्थानीय रूप से प्रासंगिक और बहु-विषयक अनुसंधान को बढ़ावा देना है। यह पहल चिन्हित क्षेत्रीय मुद्दों के व्यावहारिक, मापनीय समाधानों के विकास को प्रोत्साहित करेगी और राज्य के विकास, स्थिरता और ज्ञान अर्थव्यवस्था के व्यापक उद्देश्यों का समर्थन करेगी।”
सूत्रों ने बताया कि राज्य सरकार ने शैक्षणिक वर्ष 2025-26 के लिए 20 करोड़ रुपये का कोष आवंटित किया है और विश्वविद्यालयों को निर्देश दिया है कि वे इस कोष का अधिकतम उपयोग करें, विशेष रूप से ऐसे शोध पर जो राज्य के गांवों के सामने आने वाले सामाजिक मुद्दों और चुनौतियों का समाधान करते हों।
दिशानिर्देशों के अनुसार, एचएसआरएफ दो प्राथमिक श्रेणियों के अंतर्गत अनुसंधान अनुदान प्रदान करेगा, साथ ही प्रशासनिक व्यय का प्रावधान भी करेगा। शिक्षक प्रति परियोजना अधिकतम 50 लाख रुपये तक के अनुदान के पात्र होंगे, जबकि छात्र प्रति परियोजना 5 लाख रुपये तक प्राप्त कर सकते हैं। प्रत्येक वर्ष स्वीकृत परियोजनाओं की कुल संख्या दोनों श्रेणियों के लिए वार्षिक बजट आवंटन के आधार पर निर्धारित की जाएगी।