रोहतक, 20 अगस्त कोलकाता में प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या की घटना के बाद पीजीआईएमएस और पीजीआईडीएस, रोहतक के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) ने प्रशासन से मांग की है कि वह पीजीआईएमएस परिसर में डॉक्टरों और मेडिकल छात्रों की सुरक्षा के लिए कदम उठाए।
आरडीए के अध्यक्ष डॉ. प्रजावल ने कहा, “हमने पीजीआईएमएस के निदेशक को ज्ञापन सौंपा है, जिसमें पीजीआईएमएस परिसर में डॉक्टरों और छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई उचित मांगें उठाई गई हैं। डॉक्टर्स हॉस्टल की तरफ से लेबर रूम का गेट बंद किया जाना चाहिए और प्रवेश कहीं और से किया जाना चाहिए ताकि वहां वाहनों की अनधिकृत पार्किंग पर रोक लगाई जा सके, जो हॉस्टल क्षेत्र में सुरक्षा के दृष्टिकोण से उचित नहीं है।”
उन्होंने कहा कि श्रीनगर कॉलोनी की ओर जाने वाली और बॉयज हॉस्टल के बाहर से गुजरने वाली एक आम सड़क को बंद कर दिया जाना चाहिए ताकि हॉस्टल क्षेत्र को अन्य क्षेत्रों से अलग किया जा सके। उन्होंने कहा कि परिसर में कई जगहों पर बाउंड्री वॉल नहीं है, इसलिए पूरे परिसर को इससे कवर किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, “कैंपस में कई जगहों पर सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे हैं, इसलिए हम मांग कर रहे हैं कि नाइट विजन वाले सीसीटीवी कैमरे कैंपस में हर जगह लगाए जाएं, खास तौर पर रेजिडेंट डॉक्टरों और छात्रों की आवाजाही वाले इलाकों में। कैंपस में असामाजिक तत्वों के घुसने से महिला डॉक्टरों और छात्रों पर अभद्र टिप्पणियां की जाती हैं। ऐसी हरकतों को रोकने के लिए कैंपस के मुख्य प्रवेश द्वार पर सख्त बैरिकेडिंग और वाहनों की जांच की जानी चाहिए।”
डॉ. प्रज्जवल ने कहा कि ड्यूटी के दौरान किसी भी डॉक्टर के साथ हुई हिंसा के मामले में स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देशानुसार छह घंटे के भीतर संस्थागत एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए। लाइब्रेरी से गर्ल्स हॉस्टल तक के रास्ते पर एक स्थायी सुरक्षा चौकी भी स्थापित की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि परिसर के सभी ऐसे जोन और मार्ग जहां डॉक्टरों और छात्रों की आवाजाही होती है, वहां बेहतर रोशनी की व्यवस्था की जानी चाहिए और सुरक्षा कर्मियों की भी तैनाती की जानी चाहिए।
आरडीए अध्यक्ष ने कहा, “पीजीआईएमएस सुरक्षा की त्वरित प्रतिक्रिया टीम बनाई जानी चाहिए और एक हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया जाना चाहिए। अस्पताल के प्रत्येक वार्ड में प्रत्येक शिफ्ट के दौरान दो सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया जाना चाहिए और वार्डों में मरीजों के रिश्तेदारों के अनावश्यक प्रवेश को रोका जाना चाहिए। पीजीआईएमएस सुरक्षा के लिए प्राथमिकता के आधार पर अतिरिक्त सुरक्षा कर्मियों की भर्ती की जानी चाहिए और उन्हें नियमित रूप से प्रशिक्षित किया जाना चाहिए।”
रोहतक पीजीआईएमएस के निदेशक डॉ. शमशेर सिंह लोहचब ने कहा कि डॉक्टरों, छात्रों और सभी कर्मचारियों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है, इसलिए आवश्यक सुरक्षा उपाय अपनाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, “रेजिडेंट डॉक्टरों द्वारा प्रस्तुत मांगों पर भी उचित कार्रवाई की जा रही है।”