यमुनानगर, 29 अगस्त यमुनानगर के माजरी टापू और घोरों पिपली गांवों के निवासियों ने आज उपायुक्त कैप्टन मनोज कुमार के माध्यम से राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें उन्होंने धमकी दी है कि वे विधानसभा चुनावों का बहिष्कार करेंगे।
ग्रामीणों ने कहा कि सरकार भोगपुर और माजरी टप्पू गांवों के बीच यमुना नदी पर पुल बनाने की उनकी मांग पर कोई ध्यान नहीं दे रही है।
उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर उन्होंने पहले भी लोकसभा चुनाव का बहिष्कार किया था।
माजरी टप्पू गांव के पूर्व सरपंच अशोक कुमार और मौजूदा सरपंच अरुण कुमार ने बताया कि माजरी टप्पू और घोरों पिपली गांव हरियाणा का हिस्सा थे, लेकिन ये गांव यमुना नदी के दूसरी तरफ (उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के पास) बसे हुए हैं। उन्होंने बताया कि माजरी टप्पू और घोरों पिपली गांवों से यमुनानगर पहुंचने के लिए उन्हें 25 किलोमीटर से ज्यादा का सफर तय करना पड़ता है।
उन्होंने कहा कि यदि यहां यमुना नदी पर पुल बना दिया जाए तो इन गांवों के निवासियों को केवल 10-12 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि इन गांवों के निवासियों को काम या शिक्षा के लिए रोजाना यमुनानगर जाना पड़ता है।
अरुण कुमार ने कहा, “हम लंबे समय से माजरी टापू और घोरोन पिपली गांवों को यमुनानगर जिले से सीधे जोड़ने के लिए नदी पर पुल की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार हमारी मांग पर कार्रवाई करने के लिए गंभीर नहीं है।”
उन्होंने कहा कि उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनाव का बहिष्कार किया था और अब यदि पुल निर्माण की उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो वे विधानसभा चुनाव का भी बहिष्कार करने को मजबूर होंगे।
निवासियों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है माजरी टापू और घोरोन पिपली गांव हरियाणा का हिस्सा हैं, लेकिन ये गांव यमुना नदी के दूसरी ओर उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के निकट स्थित हैं। निवासियों ने कहा कि उन्हें माजरी टापू और घोरोन पिपली गांवों से यमुनानगर पहुंचने के लिए 25 किलोमीटर से अधिक की यात्रा करनी पड़ती है इन गांवों के कई निवासी नौकरी, शिक्षा या अन्य उद्देश्यों के लिए रोजाना यमुनानगर जाते हैं
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