कुरुक्षेत्र,1 जुलाई हरियाणा में किसानों के मुद्दों की अनदेखी करने का राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए भारतीय किसान यूनियन (चरुणी) ने राज्य की भाजपा सरकार के खिलाफ आंदोलन शुरू करने की धमकी दी है।
बीकेयू के अनुसार, सरकार फसल बीमा योजना, कृषि क्षेत्रों में बिजली ट्रांसमिशन लाइन टावरों की स्थापना, बनाए जा रहे नए राजमार्गों के अंडरपास की कम ऊंचाई और नदियों से फसलों को नुकसान पहुंचने से संबंधित मुद्दों पर किसानों की बात नहीं सुन रही है।
बीकेयू (चरुनी) के प्रमुख गुरनाम सिंह चरुनी ने कहा, “हरियाणा में किसान विभिन्न मुद्दों को लेकर धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी वास्तविक मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है। फसल बीमा योजना के तहत किसानों को अपने नुकसान का दावा पाने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। दावों का भुगतान एक महीने में हो जाना चाहिए, लेकिन किसानों को अपने दावों के लिए दो से तीन साल तक इंतजार करना पड़ता है। यह भी देखा गया है कि दावे जारी करने के बजाय, कंपनियां किसानों को प्रीमियम वापस कर देती हैं। सरकार कंपनियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।
उन्होंने कहा, “हरियाणा के विभिन्न जिलों में खेतों में बिजली ट्रांसमिशन लाइन टावर लगाने को लेकर विवाद हो रहे हैं, लेकिन सरकार मुद्दों को सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझाने के बजाय किसानों को रोकने के लिए बल प्रयोग करती है। हाल ही में यमुनानगर में किसानों को टावर लगाने से रोकने के लिए प्रदर्शन करना पड़ा।”
किसान नेता ने कहा, “बारिश के दौरान नहरों में दरारों के कारण किसानों की फसल बर्बाद हो जाती है, लेकिन सरकार तटबंधों को मजबूत करने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठा रही है। हमने सरकार से अनुरोध किया है कि वह मुद्दों को सुलझाने के लिए बातचीत करे, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है, जिससे यूनियन को आंदोलन शुरू करने के लिए मजबूर होना पड़ा है।”