औषधि निरीक्षक तीन कफ सिरपों की बिक्री और खपत की जांच के लिए खुदरा और थोक दुकानों पर औचक निरीक्षण करेंगे, जिनमें विषाक्त अशुद्धता डाइएथिलीन ग्लोकोल (डीईजी) पाए जाने के बाद उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
राज्य औषधि नियंत्रक डॉ. मनीष कपूर ने कहा कि यह कदम यह सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है कि कोई भी खुदरा या थोक स्टोर तमिलनाडु और गुजरात स्थित दवा कंपनियों द्वारा निर्मित कफ सिरप, जैसे कोल्ड्रिफ, रेस्पिफ्रेश टीआर और रिलाइफ, न बेचे, क्योंकि राज्य सरकार ने इनके उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है।
मध्य प्रदेश में कोल्ड्रिफ कफ सिरप पीने से बच्चों की मौत के मामले सामने आए हैं, जिसमें विषाक्त अशुद्धता डीईजी पाई गई थी। दो अन्य कफ सिरप – रेस्पिफ्रेश टीआर और रीलाइफ – में भी यही अशुद्धता पाई गई।
कपूर ने बताया कि औषधि निरीक्षकों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं कि कोई भी केमिस्ट इन कफ सिरप का स्टॉक न रखे, क्योंकि राज्य में इनकी बिक्री प्रतिबंधित है। अगर राज्य में इन सिरप का कोई स्टॉक पाया जाता है, तो इसकी सूचना औषधि नियंत्रण प्रशासन को दी जाए।
सभी अस्पतालों और चिकित्सकों को इन कफ सिरपों का प्रयोग न करने की चेतावनी दी गई है।