केंद्रीय संसदीय कार्य एवं अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने रविवार को लाहौल एवं स्पीति के केलांग में 26.75 करोड़ रुपये की आधुनिक सीवरेज परियोजना की आधारशिला रखी। प्रधानमंत्री जन कल्याण कार्यक्रम के तहत केंद्र एवं राज्य सरकारों द्वारा 90:10 के अनुपात में संयुक्त रूप से वित्तपोषित इस परियोजना से केलांग एवं समीपवर्ती बिलिंग गांव के लगभग 9,600 निवासियों को लाभ मिलेगा।
रिजिजू ने परियोजना के शुभारंभ पर लोगों को बधाई दी और इस बात पर जोर दिया कि नई सीवरेज प्रणाली ऊंचाई वाले आदिवासी क्षेत्र में स्वच्छता और सार्वजनिक स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण सुधार लाएगी। उन्होंने इस पहल को लाहौल-स्पीति जैसे दूरदराज और पारिस्थितिकी रूप से संवेदनशील जिलों में बुनियादी ढांचे को मजबूत करने में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
रिजिजू ने कहा कि अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय से लाहौल-स्पीति को देश के सभी जिलों में सबसे अधिक आवंटन मिला है, जिसकी कुल स्वीकृत राशि 200 करोड़ रुपये है। इसमें से 167 करोड़ रुपये की परियोजनाओं की आधारशिला उनके मौजूदा चार दिवसीय दौरे के दौरान रखी गई, जिसमें शिमला और कल्पा से लेकर केलांग तक के पड़ाव शामिल हैं।
उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि इस व्यापक दौरे से उन्हें स्थानीय समुदायों से बातचीत करने और उनकी ज़रूरतों और आकांक्षाओं के बारे में प्रत्यक्ष जानकारी हासिल करने का मौका मिला। कई बौद्ध भिक्षुओं और गोम्पा (मठ) प्रतिनिधियों ने उनसे मुलाकात की और प्राचीन बौद्ध विरासत स्थलों के जीर्णोद्धार और संरक्षण की तत्काल आवश्यकता पर चर्चा की।
उनकी चिंताओं का जवाब देते हुए, रिजिजू ने एक विशेष बौद्ध विकास योजना शुरू करने की घोषणा की, जो पूरे क्षेत्र में प्राचीन मठों और गोम्पाओं के जीर्णोद्धार और संरक्षण के लिए वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान करेगी। उन्होंने कहा, “मठ अधिकारियों द्वारा जीर्णोद्धार सहायता के लिए प्रस्तुत किए गए किसी भी आवेदन को मंत्रालय द्वारा स्वीकृत और वित्तपोषित किया जाएगा।”