मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने आज कहा कि राज्य के सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों, विशेषकर थुनाग, जंजैहली तथा मण्डी जिले के अन्य क्षेत्रों में राहत एवं पुनर्वास कार्य युद्ध स्तर पर चलाया जा रहा है, जो भारी वर्षा के बाद बादल फटने तथा भूस्खलन से प्रभावित हुए हैं।
सुखू ने कहा कि राज्य सरकार लोगों की समस्याओं के प्रति सजग है और बारिश आपदा पीड़ितों को राहत प्रदान करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा, “राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल की टीमें जंजैहली और थुनाग के सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में तैनात हैं। इसके अलावा, पीडब्ल्यूडी के इंजीनियर-इन-चीफ, राज्य विद्युत बोर्ड के निदेशक (संचालन) और जल शक्ति विभाग के मुख्य अभियंता को बहाली उपायों की निगरानी के लिए थुनाग में तैनात किया गया है।”
सुखू ने कहा, “राज्य में भूस्खलन और अचानक आई बाढ़ के कारण करीब 392 सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं और इनमें से 196 सड़कें गुरुवार को खुलने की उम्मीद है, 79 सड़कें 4 जुलाई तक और बाकी 117 सड़कें अगले कुछ दिनों में खुलने की उम्मीद है। 20 जून से 3 जुलाई के बीच सड़क ढांचे को करीब 182 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि मंडी सबसे ज़्यादा प्रभावित हुआ है, क्योंकि 189 सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं और जिले को 47 करोड़ रुपये का अनुमानित नुकसान हुआ है। सक्रिय बहाली सुनिश्चित करने के लिए मशीनरी का एक बड़ा बेड़ा तैनात किया गया है। उन्होंने कहा कि थुनाग और जंझेली में आपदा प्रभावित लोगों को कुल 246 किट राशन हवाई जहाज़ से पहुँचाया गया है।
उन्होंने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में पानी, बिजली और सड़क संपर्क को जल्द से जल्द बहाल करने के लिए युद्ध स्तर पर काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि थुनाग और आसपास के क्षेत्रों में एचपीएसईबीएल के बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा है और लगभग 20 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
सुखू ने कहा कि दूरसंचार विभाग ने थुनाग में इंट्रा सर्किल रोमिंग सेवाएं सक्रिय कर दी हैं। इसके अलावा, आपातकालीन संचार के लिए भी सेवाओं को क्षेत्र में सक्रिय किया गया है। उन्होंने जल्द से जल्द सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए सरकार की अटूट प्रतिबद्धता की पुष्टि की।