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रोहतक: 580 एक्सटेंशन लेक्चरर्स को मिलेगा 20 महीने का एरियर

Rohtak: 580 extension lecturers will get 20 months arrears

रोहतक, 12 जून राज्य सरकार ने राज्य भर के विभिन्न सरकारी कॉलेजों में कार्यरत उन सभी पात्र विस्तार (अनुबंध) व्याख्याताओं को लगभग 20 महीने (1 नवंबर, 2017 से 26 जून, 2019) के न्यूनतम आधार वेतन का बकाया देने का फैसला किया है, जिन्होंने इस संबंध में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।

सूत्रों के अनुसार ऐसे एक्सटेंशन लेक्चरर की संख्या 580 है। इस संबंध में हाल ही में उच्चतर शिक्षा विभाग (डीएचई) द्वारा सभी सरकारी कॉलेजों के प्रिंसिपलों को एक विज्ञप्ति भी जारी की गई है।

एक्सटेंशन लेक्चरर्स की संस्था हरियाणा कॉलेज कॉन्ट्रैक्टुअल टीचर्स एसोसिएशन (एचसीसीटीए) के अध्यक्ष रामपाल बधवार ने दावा किया, “हाईकोर्ट में दायर अपनी याचिकाओं में एक्सटेंशन लेक्चरर्स ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुपालन में राज्य सरकार ने नवंबर 2017 में अनुबंधित कर्मचारियों के लिए ‘समान काम के लिए समान वेतन’ के संबंध में अधिसूचना जारी की थी, लेकिन यह उन पर जून 2019 में लागू हुई, इसलिए सरकार को उन्हें उस अवधि का बकाया भुगतान करना चाहिए। बाद में, अदालत का फैसला याचिकाकर्ता के पक्ष में आया।”

उन्होंने कहा कि चूंकि अदालत के फैसले को डीएचई द्वारा केवल याचिकाकर्ताओं के मामले में लागू किया जा रहा है, इसलिए उन्होंने महानिदेशक (उच्च शिक्षा) को पत्र लिखकर सभी पात्र एक्सटेंशन लेक्चरर के लिए बकाया राशि जारी करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा, “वर्तमान में, सरकारी कॉलेजों में 2,000 से अधिक एक्सटेंशन लेक्चरर काम कर रहे हैं और उनमें से अधिकांश की नियुक्ति 2017 से पहले हुई थी।”

एक्सटेंशन लेक्चरर्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष ईश्वर सिंह ने कहा कि अगर उन्हें बकाया वेतन नहीं दिया गया तो यह अन्य 1,300 पात्र एक्सटेंशन लेक्चरर्स के साथ भेदभाव होगा। इससे उन्हें हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने पर भी मजबूर होना पड़ सकता है।

उन्होंने कहा कि बकाया राशि ‘समान काम के लिए समान वेतन’ की नीति के अनुसार दी जाएगी, इसलिए यह नीति सभी एक्सटेंशन लेक्चरर्स पर समान रूप से लागू होनी चाहिए।

इस मुद्दे पर उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गईनवंबर 2017 में राज्य सरकार ने संविदा कर्मचारियों के लिए ‘समान काम के लिए समान वेतन’ के संबंध में अधिसूचना जारी की थी इसे जून 2019 में एक्सटेंशन लेक्चरर्स पर लागू किया गया था, इसलिए उन्होंने उस अवधि के लिए बकाया राशि की मांग करते हुए हाईकोर्ट का रुख किया अब, राज्य सरकार ने पात्र एक्सटेंशन लेक्चरर्स को लगभग 20 महीने के न्यूनतम आधार वेतन का बकाया देने का निर्णय लिया है

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