रोहतक जिले में अधिकारियों ने शहर और उसके आसपास की कई अनधिकृत कॉलोनियों को निशाना बनाते हुए 30 एकड़ में फैले अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया। गुरुवार को एक बयान में रोहतक के डिप्टी कमिश्नर धीरेंद्र खडगटा ने अनाधिकृत विकास को रोकने के लिए प्रशासन की प्रतिबद्धता की पुष्टि की। उन्होंने कहा, “जिले में अवैध कॉलोनियों और निर्माणों को विकसित नहीं होने दिया जाएगा।”
नियंत्रित और शहरी क्षेत्रों में अवैध निर्माणों के खिलाफ चल रहे अभियान के तहत बोहर गांव में जेएलएन नहर के किनारे दो अनधिकृत कॉलोनियों को ध्वस्त कर दिया गया। खडगटा ने बताया, “अभियान के दौरान एक चारदीवारी, नौ अवैध निर्माण, एक सीवरेज नेटवर्क, तीन नींव और एक सड़क नेटवर्क को ध्वस्त कर दिया गया।”
इसके अलावा सेक्टर-7 और सेक्टर-38 डिवाइडिंग रोड के पास एक अवैध कॉलोनी को भी ध्वस्त किया गया। इसमें चार अवैध निर्माण, पांच नींव, एक सीवरेज नेटवर्क, बिजली के खंभे और एक सड़क नेटवर्क शामिल थे। इलाके में बिजली के मीटर भी हटा दिए गए।
यह ध्वस्तीकरण अभियान जिला नगर योजनाकार कार्यालय, नगर निगम, विद्युत निगम के अधिकारियों और पुलिस कर्मियों की मौजूदगी में चलाया गया।
रोहतक जिला नगर योजनाकार (डीटीपी) सुमनदीप ने निवासियों से संपत्ति में निवेश करते समय सावधानी बरतने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, “अवैध निर्माणों के खिलाफ़ तोड़फोड़ अभियान जारी रहेगा। जिले में अनधिकृत कॉलोनियों को विकसित नहीं होने दिया जाएगा।”
उन्होंने संभावित खरीदारों को सलाह दी कि वे किसी भी निवेश से पहले कॉलोनी की वैधता की पुष्टि कर लें। उन्होंने कहा, “निवासी किसी भी कार्य दिवस पर मेरे कार्यालय में आकर जांच कर सकते हैं कि कॉलोनी अधिकृत है या नहीं।”