उपायुक्त धर्मेन्द्र सिंह ने औषधि नियंत्रक को निर्देश दिया है कि वे प्रतिबंधित दवाओं की आपूर्ति में शामिल व्यक्तियों और नेटवर्क पर निगरानी बढ़ायें – विशेष रूप से उन पर जो दिल्ली से प्रतिबंधित दवाएं लाने के संदिग्ध हैं – जिनका उपयोग कन्या भ्रूण हत्या में किया जाता है।
गुरुवार को यहां जिला अधिकारियों की एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए डीसी ने स्वास्थ्य अधिकारियों को अवैध प्रसव पूर्व लिंग निर्धारण, कन्या भ्रूण हत्या और इन उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल की जाने वाली प्रतिबंधित दवाओं की बिक्री के खिलाफ छापेमारी तेज करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कम लिंगानुपात वाले गाँवों में एक केंद्रित दृष्टिकोण पर ज़ोर दिया और सामुदायिक स्वयंसेवकों, जिन्हें ‘सहेली’ कहा जाता है, के माध्यम से गर्भवती महिलाओं की निरंतर निगरानी करने का आह्वान किया। स्वास्थ्य विभाग द्वारा नियुक्त ये ‘सहेली’, एएनएम और आशा कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर गर्भवती महिलाओं, खासकर एक या दो बेटियों वाली महिलाओं पर कड़ी नज़र रखती हैं।
सिंह ने कहा, “स्वास्थ्य अधिकारियों को अवैध जन्मपूर्व लिंग निर्धारण और कन्या भ्रूण हत्या में शामिल संदिग्ध व्यक्तियों का सक्रिय रूप से पता लगाना चाहिए और उनकी जाँच करनी चाहिए। बिना किसी देरी के छापे मारे जाने चाहिए।”
उन्होंने जिला अटॉर्नी को निर्देश दिया कि वे गर्भधारण पूर्व एवं प्रसव