पंडित बीडी शर्मा पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (पीजीआईएमएस), रोहतक में आने वाले हजारों मरीजों को राहत देते हुए अस्पताल प्रशासन ने अपने बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) दवा वितरण नीति में बड़े बदलाव की घोषणा की है। मरीजों को अब 30 दिन की दवाइयां मिलेंगी, जबकि पहले उन्हें 3 से 4 दिन की दवाइयां मिलती थीं।
पीजीआईएमएस के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. कुंदन मित्तल के नेतृत्व में लिए गए इस निर्णय का उद्देश्य इलाज के लिए लंबी दूरी तय करने वाले मरीजों पर बोझ कम करना है। उन्होंने इस पहल का श्रेय कुलपति डॉ. एचके अग्रवाल और निदेशक डॉ. एसके सिंघल के मार्गदर्शन को दिया, जिनकी रोगी-केंद्रित दृष्टि ने इस बदलाव को संभव बनाया।
डॉ. मित्तल ने कहा, “यह बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। पंजाब, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान और चंडीगढ़ जैसे पड़ोसी राज्यों के साथ-साथ सिरसा, डबवाली, अंबाला, पंचकूला, महेंद्रगढ़ और कैथल जैसे हरियाणा के दूरदराज के इलाकों से भी मरीज हमारे अस्पताल में आते हैं। उनमें से कई को पूरे एक महीने की दवाई लेने के बावजूद दवाई भरवाने के लिए बार-बार अस्पताल जाने की वजह से परेशानियों का सामना करना पड़ा।”
नई व्यवस्था के तहत चौधरी रणबीर सिंह ओपीडी में आने वाले मरीजों को अब एक बार में ही 30 दिन की पूरी दवा मिल जाएगी, जिससे उन्हें हर हफ्ते अस्पताल जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। डॉ. मित्तल ने इस बात पर जोर दिया कि इससे न केवल समय और यात्रा लागत बचती है, बल्कि उपचार की निरंतरता और दवाओं की बेहतर उपलब्धता भी सुनिश्चित होती है।
डॉ. मित्तल ने कहा, “यह पहल मरीज़ों के कल्याण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। इससे अस्पताल में भीड़ कम करने में मदद मिलेगी और यह सुनिश्चित होगा कि मरीज़ों को दवाइयों के लिए हर कुछ दिनों में कतार में नहीं लगना पड़ेगा।”
मरीजों के लिए मुख्य लाभ: एक ही विजिट में 30 दिन की पूरी दवा की आपूर्ति अस्पताल में कम चक्कर लगाने पड़ेंगे, समय और पैसे की बचत होगीनिर्धारित उपचार तक निरंतर पहुंच अस्पतालों में कतारें और भीड़ कम हुई शहर से बाहर के मरीजों के लिए बेहतर स्वास्थ्य सेवा अनुभव