मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (एमएसीटी), चंडीगढ़ ने बीमा कंपनी, चालक और ट्रक के मालिक को एक 29 वर्षीय युवक के माता-पिता को 21,02,000 रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया है, जिसकी तीन साल पहले एक दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी।
मृतक विक्रम की माँ सुनहरी और पिता माम चंद, जो सभी अंबाला जिले के निवासी हैं, ने मोटर वाहन अधिनियम की धारा 166 के तहत दावा याचिका दायर की थी। उन्होंने बताया कि 29 नवंबर, 2021 को विक्रम अपने पैतृक गाँव शेरगढ़ से मोटरसाइकिल पर सवार होकर साहा की ओर अपनी ड्यूटी पर जा रहा था।
उसका भाई राजेश कुमार भी एक अलग मोटरसाइकिल पर साहा की ओर जा रहा था। विक्रम जब अपने गाँव को जोड़ने वाली सड़क से साहा-शाहाबाद रोड पर पहुँचा, तो एक ट्रक ने उसकी मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी। वह गिर गया और ट्रक उसके ऊपर से गुजर गया।
विक्रम का दाहिना पैर पहियों के नीचे कुचल गया। उसके सिर पर भी गंभीर चोटें आईं। उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया जहाँ इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। दावेदारों ने बताया कि विक्रम एक निजी कंपनी में वेल्डर का काम करता था और 18,000 रुपये प्रति माह कमाता था। परिवार का सारा खर्च उसके वेतन पर ही चलता था।
ट्रक के चालक और मालिक ने याचिका का विरोध किया और दावा किया कि ट्रक से कोई दुर्घटना नहीं हुई थी। दलीलें सुनने के बाद न्यायाधिकरण ने माना कि दावेदार दावा याचिका की तारीख से इसकी वसूली तक 9% प्रति वर्ष की दर से ब्याज के साथ 21,02,000 रुपये के मुआवजे के हकदार हैं।