चंडीगढ़, 2 जुलाई राज्य भर में बाल चिकित्सा देखभाल को बढ़ाने के उद्देश्य से, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने जिला अस्पतालों में पहले से स्थापित 12-बिस्तर वाली बाल चिकित्सा इकाइयों को मजबूत करने के लिए प्रति वर्ष 44.1 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. कमल गुप्ता ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि 12 बिस्तरों वाली ये बाल चिकित्सा इकाइयां शुरू में आपातकालीन कोविड प्रतिक्रिया पैकेज चरण-2 के तहत स्थापित की गई थीं।
उन्होंने कहा कि 44.1 करोड़ रुपये में से 38.8 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष आवश्यक चिकित्सा कर्मियों की नियुक्ति के लिए उपयोग किए जाएंगे, जिनमें 21 इंटेंसिविस्ट, 105 ड्यूटी मेडिकल ऑफिसर (आईसीयू में प्रशिक्षित), 420 आईसीयू प्रशिक्षित स्टाफ नर्स/नर्सिंग सिस्टर, 105 ओटी/एनेस्थीसिया तकनीशियन और 21 काउंसलर शामिल हैं, ताकि इन बाल चिकित्सा इकाइयों का सुचारू संचालन सुनिश्चित किया जा सके।
उन्होंने कहा कि इस महत्वपूर्ण कार्यबल की भर्ती वॉक-इन इंटरव्यू के माध्यम से की जाएगी, जिसका विज्ञापन स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय डीजीएचएस की वेबसाइट और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन पोर्टल पर दिया जाएगा। डीजीएचए सकी अध्यक्षता वाली एक समिति भर्ती प्रक्रिया की देखरेख करेगी। इसके अलावा, हरियाणा कौशल रोजगार निगम लिमिटेड के माध्यम से सहायक कर्मचारियों को नियुक्त किया जाएगा, जिसका अनुमानित वार्षिक व्यय 5.3 करोड़ रुपये है। आईसीयू के लिए जनशक्ति से संबंधित रिकॉर्ड बनाए रखने और अन्य सेवा-संबंधी मामलों का प्रबंधन करने के लिए डीजीएचएस कार्यालय के भीतर एक अलग सेल बनाया जाएगा।