पटना, 19 दिसंबर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के डॉ. भीमराव अंबेडकर का नाम लेकर दिए गए बयान के बाद गुरुवार को संसद में भारी हंगामा देखने को मिला। इस मुद्दे पर बिहार सरकार के मंत्री नितिन नवीन ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि संसद में हंगामे और विरोध को हमेशा एक मर्यादा के तहत ही किया जाना चाहिए।
नितिन नवीन ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा कि संसदीय लोकतंत्र को हमेशा एक मर्यादा के तहत ही चलाना चाहिए। सांसदों को विरोध करने का अधिकार है, लेकिन हंगामा करने की कोई जगह नहीं है। मुझे विश्वास है कि संसद के सदस्य, चाहे वो विपक्षी दल के हों या सरकार के, अपनी आवाज उठाने के तरीकों को समझेंगे और मर्यादा के अंदर रहकर अपने विचार व्यक्त करेंगे। संसदीय नियमों और मर्यादाओं का उल्लंघन नहीं किया जाना चाहिए। हंगामा करने से संसद की गरिमा को ठेस पहुंचती है।
नितिन नवीन ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रमुख लालू प्रसाद यादव की ओर से अमित शाह को लेकर दिए गए बयान पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि लालू यादव किन शब्दों के लिए जाने जाते हैं, यह तो हम सभी जानते हैं। मेरा मानना है कि लालू प्रसाद यादव को यह ध्यान रखना चाहिए कि संसदीय लोकतंत्र में शब्दों की मर्यादा का पालन करना बेहद जरूरी है। उन्हें अपने शब्दों का चयन सोच-समझकर करना चाहिए, ताकि लोकतंत्र की गरिमा बनी रहे।
बता दें कि अमित शाह की ओर से बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर पर की गई टिप्पणी पर राजद सुप्रीमो लालू यादव ने उन्हें राजनीति छोड़ने की नसीहत दी थी।
मीडियाकर्मियों से बात करते हुए उन्होंने कहा था कि अमित शाह पागल हो गए हैं। उन्हें बाबासाहेब अंबेडकर से नफरत है। हम उनके इस पागलपन की निंदा करते हैं। बाबासाहेब अंबेडकर महान शख्सियत हैं। अमित शाह को राजनीति छोड़ देनी चाहिए और इस्तीफा देकर चले जाना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि अमित शाह ने सदन में कहा था कि अभी एक फैशन हो गया है- अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर.. इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता। शाह के इस बयान के बाद सियासत तेज हो गई है। हालांकि, बाद में शाह ने इस मामले में स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि संसद में संविधान पर चर्चा हुई, लेकिन कांग्रेस ने तथ्यों को तोड़-मरोड़कर रखा।
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