शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के निर्देश पर तड़के की गई छापेमारी में गिरफ्तार किए गए किसान नेताओं की तत्काल रिहाई की मांग की है।
मजीठिया ने एक आधिकारिक बैठक के दौरान किसान प्रतिनिधियों को कथित तौर पर धमकाने और उनके साथ दुर्व्यवहार करने के लिए मुख्यमंत्री से माफी मांगने की भी मांग की।
मजीठिया ने पंजाब सरकार के कठोर रवैये की निंदा करते हुए कहा कि किसानों को बातचीत के लिए सिर्फ इसलिए बुलाया गया था ताकि जब उन्होंने सरकार से उसके अधूरे वादों के बारे में सवाल किया तो उन्हें डराया-धमकाया जा सके।
उन्होंने आरोप लगाया कि मान ने किसानों को गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी और बाद में उनके 5 मार्च के प्रस्तावित विरोध प्रदर्शन को बाधित करने के लिए छापेमारी और गिरफ्तारियों का आदेश दिया।
अकाली दल के नेता ने मान के नेतृत्व की आलोचना की और नौकरशाहों के प्रति उनके व्यवहार और पिछले कदाचार के आरोपों सहित पिछले विवादों का हवाला दिया। उन्होंने सीएम को स्वामीनाथन रिपोर्ट को लागू करने, सभी फसलों के लिए एमएसपी सुनिश्चित करने और कृषि आय को दोगुना करने जैसे उनके चुनावी वादों की याद दिलाई और उन पर सभी मोर्चों पर विफल होने का आरोप लगाया।
मजीठिया ने कहा कि किसानों को सरकार से सवाल करने का लोकतांत्रिक अधिकार है और उन्होंने मान के व्यवहार को अनिश्चित और एक मुख्यमंत्री के तौर पर अनुचित बताया।
आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने सुझाव दिया कि केजरीवाल के बजाय मान को स्थिरता हासिल करने के लिए विपश्यना ध्यान सत्र में भाग लेना चाहिए।
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