नई दिल्ली, 5 दिसम्बर । भारत में जल्दी ही एक ऐसे सैनिक स्कूल खुलने जा रहा है जो केवल लड़कियों के लिए होगा। अभी तक देश में कोई सैनिक स्कूल ऐसा नहीं है जो केवल लड़कियों के लिए हो।
हालांकि देश में ‘को-एजुकेशन’ वाले सैनिक स्कूल मौजूद हैं जिनमें लड़के और लड़कियां दोनों एक साथ पढ़ते हैं। हालांकि अब पीपीपी मॉडल के तहत शुरू किए जा रहे सैनिक स्कूलों में लड़कियों के लिए अलग से स्कूल शुरू किया जा सकता है।
रक्षा राज्य मंत्री के मुताबिक, हाल ही में उत्तर प्रदेश में मथुरा में संविद गुरुकुलम सीनियर सेकेंडरी स्कूल को लड़कियों के लिए सैनिक स्कूल के रूप में मंजूरी दी गई। इस विषय पर जानकारी देते हुए रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने राज्यसभा में बताया कि पूर्ववर्ती पद्धति के तहत देश में 33 सैनिक स्कूल स्थापित किए गए हैं। इन स्कूलों में उत्तर प्रदेश के अमेठी, झांसी और मैनपुरी में स्थापित किए गए तीन सैनिक स्कूल भी शामिल हैं।
अजय भट्ट ने राज्यसभा को जानकारी देते हुए बताया कि ये सभी स्कूल सहशिक्षा वाले हैं। पूर्ववर्ती पद्धति के तहत केवल लड़कियों के लिए ही सैनिक स्कूलों की स्थापना करने के बारे में विचार नहीं किया जा रहा है।
इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सभी राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों में गैर सरकारी संगठनों, निजी व राज्य सरकार के स्कूलों के साथ साझेदारी मोड में 100 नए सैनिक स्कूलों की स्थापना करने की पहल के तहत केवल लड़कियों के लिए ही सैनिक स्कूलों की स्थापना करने के बारे में कोई प्रतिबंध नहीं है।
रक्षा राज्य मंत्री के मुताबिक, इस संबंध में, उत्तर प्रदेश में मथुरा में संविद गुरुकुलम सीनियर सेकेंडरी स्कूल को लड़कियों के लिए सैनिक स्कूल के रूप में मंजूरी दी गई है। यह जानकारी रक्षा राज्य मंत्री श्री अजय भट्ट ने राज्यसभा में सांसद संगीता यादव को एक लिखित उत्तर में दी।
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