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संदेशखाली हमला : कलकत्ता हाईकोर्ट ने ईडी अधिकारियों के खिलाफ जांच पर 31 मार्च तक लगाई रोक

Sandeshkhali attack: Calcutta High Court stays investigation against ED officials till March 31

कोलकाता, 12 जनवरी । कलकत्ता उच्च न्यायालय ने गुरुवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के उन अधिकारियों के खिलाफ पश्चिम बंगाल पुलिस की किसी भी जांच पर अंतरिम रोक लगाने का आदेश दिया, जिन पर 5 जनवरी को सीएपीएफ कर्मियों के साथ हमला किया गया था। इन अधिकारियों के खिलाफ नजत पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई थी।

ईडी अधिकारियों और सीएपीएफ कर्मियों पर हमला 5 जनवरी की सुबह उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में स्थानीय तृणमूल कांग्रेस विधायक के आवास पर छापेमारी और तलाशी अभियान के दौरान हुआ।

न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा की एकल-न्यायाधीश पीठ ने 31 मार्च तक अंतरिम रोक का आदेश देते हुए यह भी सवाल किया कि क्या नज़ात पुलिस स्टेशन की पुलिस ने ईडी अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने से पहले बुनियादी जमीनी जांच भी की थी।

न्यायमूर्ति मंथा ने मामले में केस डायरी अदालत में जमा करने के अलावा राज्य पुलिस को एफआईआर पर अपना स्पष्टीकरण दाखिल करने का भी निर्देश दिया है।

गुरुवार को सुनवाई के दौरान ईडी के वकीलों ने अदालत को बताया कि 5 जनवरी की सुबह छापेमारी और तलाशी अभियान राशन वितरण मामले में चल रही जांच के संबंध में था।

ईडी के वकील ने बताया, “हमारे अधिकारियों पर हमला किया गया और उन्हें घायल कर दिया गया और अब उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा रही है।”

जब न्यायमूर्ति मंथा ने सवाल किया कि क्या ईडी के अधिकारी स्थानीय तृणमूल कांग्रेस नेता शेख शाहजहां के आवास में प्रवेश करने में सक्षम थे, तो ईडी के वकील ने अदालत को सूचित किया कि अधिकारी घर में प्रवेश करने में सक्षम नहीं थे।

ईडी के वकील ने कहा कि अंदर से बंद मुख्य दरवाजे को बार-बार खटखटाने के बावजूद किसी ने जवाब नहीं दिया।

ईडी के वकील ने तर्क दिया, “हमारे अधिकारियों ने उनसे फोन पर संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उनका मोबाइल लगातार व्यस्त था। उसके मोबाइल फोन के टावर लोकेशन से पता चला कि वह उस वक्त उस आवास में ही .थे। तब तक आवास के सामने भारी भीड़ जमा हो गई। सब कुछ पूर्व नियोजित था।”

राज्य के महाधिवक्ता किशोर दाता ने बताया कि उक्त प्राथमिकी 2013 में बहुचर्चित लोलिता कुमारा मामले में भारत के सर्वोच्च न्यायालय के फैसले की तर्ज पर दर्ज की गई थी। इस मामले पर 22 जनवरी को दोबारा सुनवाई होगी.

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