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राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा : सेवानिवृत्त सेनाध्यक्षों, कारसेवकों के परिवार को निमंत्रण, मंत्रियों को नहीं

Ram Mandir Pran Pratistha: Invitation to the family of retired army chiefs and kar sevaks, not to ministers.

नई दिल्ली, 12 जनवरी। अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जा रही है। इसके साक्षी देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत करीब 8,000 मेहमान होंगे। इन मेहमानों की विभिन्न श्रेणियां हैं।

जानकारी के मुताबिक, इनमें हुतात्मा कारसेवकों के परिवार के सदस्य, आंदोलन के पुरोधाओं के परिवार के सदस्य, न्यायिक प्रक्रिया में प्रतिनिधित्व करने वाले वकीलों का समूह, 150 से अधिक परंपराओं के साधु संत, कथाकार, मठ-मंदिरों के ट्रस्टी, पुजारी आदि शामिल हैं।

इनके अलावा नेपाल से संत समाज के प्रमुख लोग आमंत्रित किए गए हैं। जैन, बौद्ध, सिख समाज के बंधु (भारतीय मत पंथों के प्रतिनिधि) आमंत्रित हैं। प्रमुख दानकर्ता, जनजाति समाज के प्रमुख लोग, घुमंतू जाति तथा अन्य जनजाति के लोग, अनुसूचित समाज के प्रमुख लोग (उदाहरण के लिए अंबेडकर जी, जगजीवन राम जी, कांशीराम जी के परिवार के सदस्य), प्रसिद्ध समाचार पत्रों, न्यूज चैनलों के प्रमुख व्यक्ति आमंत्रित किए गए हैं।

स्वयंसेवी संगठन, नोबल पुरस्कार, भारत रत्‍न, परमवीर चक्र, पद्म सम्मान इत्यदि से सम्मानित भाई-बहनों को भी आमंत्रित किया गया है। सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश सर्वोच्च न्यायालय (तीन), तीनों सेनाओं के सेवानिवृत्त सेनाध्यक्ष, पूर्व राजदूत, विभिन्न प्रमुख पदों पर रहे प्रशासनिक, पुलिस सेवा के अधिकारी भी आमंत्रित हैं।

इनके अलावा प्रमुख शिक्षाविद्, बुद्धिजीवी, कवि, कलाकार, साहित्यकार, किसान, मज़दूर, खिलाड़ी, प्रमुख राजनीतिक दलों के अध्यक्ष, अयोध्या जनपद से सभी दलों के स्थानीय जन प्रतिनिधि, उद्योजक, उद्योगपति एवं उद्यमी, इसके अतिरिक्त पचास देशों से भारतीय समाज के 55 लोग आमंत्रित किए गए हैं।

खास बात यह है कि स्थानीय राज्य उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को छोड़ कर अन्य निमंत्रित नहीं हैं। केंद्र या किसी प्रदेश के मंत्री को मंत्री होने के नाते नहीं बुलाया गया है। कुछ सीमित महानुभाव अपने अन्य परिचय की दृष्टि से आमंत्रित हैं। विशिष्ट अतिथि एवं प्रमुख संतगण भी टेंट सिटी, आश्रम और घरों पर रुकने वाले हैं। सभी अपनी-अपनी परिवहन व्यवस्था से आ रहे हैं। यहां उनके भोजन, आवास, नगर यातायात आदि की व्यवस्था ट्रस्ट की ओर से है।

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