कोलकाता, 15 मई । पश्चिम बंगाल के संदेशखाली की पीड़ित महिलाओं के आंदोलन का नेतृत्व करने वाली और बशीरहाट लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार रेखा पात्रा ने राज्य पुलिस की “दंडात्मक कार्रवाई” से सुरक्षा के लिए कलकत्ता उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।
पात्रा ने अपनी याचिका में अदालत से अनुरोध किया है कि वह पुलिस को उनके खिलाफ दायर मामलों की विस्तृत जानकारी देने का निर्देश दे। याचिका स्वीकार कर ली गई है और इस पर गुरुवार को सुनवाई होगी।
यह याचिका एक वायरल वीडियो पर पश्चिम बंगाल पुलिस के सक्रिय होने के बाद दायर की गई है, जिसमें संदेशखाली के स्थानीय भाजपा नेता गंगाधर कायल को यह दावा करते हुए सुना जा सकता है कि संदेशखाली में महिलाओं के आंदोलन की कहानी भाजपा ने लिखी थी और उसी ने इसे मूर्त रूप दिया।
स्टिंग ऑपरेशन का यह वीडियो सामने आने के बाद पश्चिम बंगाल पुलिस ने पात्रा और कायल के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है।
पात्रा को आशंका है कि राज्य पुलिस ने उनके खिलाफ और भी एफआईआर दर्ज की हैं। इसलिए उन्होंने याचिका में उनके खिलाफ दर्ज मामलों की संख्या और उनके विवरण की जानकारी उपलब्ध कराने की अपील की है।
इससे पहले कायल ने भी उनके खिलाफ दर्ज मामले में कलकत्ता उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। न्यायमूर्ति जयसेन गुप्ता की एकल न्यायाधीश पीठ ने पश्चिम बंगाल पुलिस को अगले आदेश तक मामले में जांच शुरू न करने या कोई दंडात्मक कार्रवाई न करने का निर्देश दिया है।
कायल ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) का इस्तेमाल करते हुए उनकी आवाज से छेड़छाड़ का दावा करते हुए केंद्रीय जांच ब्यूरो सीबीआई के समक्ष भी अपना पक्ष रखा है। एजेंसी संदेशखाली में जमीन हथियाने, जबरन वसूली और यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच कर रही है।