शिमला के संजौली में अनाधिकृत रूप से निर्मित मस्जिद के मामले में अगली सुनवाई नगर आयुक्त की अदालत द्वारा निर्धारित करने के फैसले के खिलाफ विभिन्न हिंदू संगठनों ने 11 सितंबर को विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है।
इस फैसले से हिंदू संगठनों के साथ-साथ स्थानीय निवासियों में भी रोष है, जो उम्मीद कर रहे थे कि ढांचे को गिराने के आदेश जारी किए जाएंगे। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट प्रसारित किए जा रहे हैं, जिसमें लोगों से 11 सितंबर को संजौली में विरोध प्रदर्शन में शामिल होने का आह्वान किया जा रहा है। हालांकि, सोशल मीडिया पर कुछ लोग विरोध प्रदर्शन की निंदा कर रहे हैं और मांग कर रहे हैं
सांप्रदायिक तनाव पैदा करने वालों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की गई। शिमला के एसपी संजीव कुमार गांधी ने कहा कि संजौली में किसी भी व्यक्ति ने प्रदर्शन की अनुमति नहीं मांगी थी और न ही प्रदर्शन के लिए अनुमति दी गई थी। उन्होंने कहा कि पुलिस सोशल मीडिया पर नजर रख रही है और ऐसे लोगों की पहचान कर रही है जो इस तरह के संदेश फैला रहे हैं। उन्होंने कहा, “ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। अगर उनमें से कोई दोषी है या पैरोल पर बाहर है, तो उसकी जमानत भी रद्द कर दी जाएगी।”
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