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प्रयागराज भगदड़ पर बोले संजय राउत, ‘यह प्रशासनिक हत्या है’

Sanjay Raut said on Prayagraj stampede, 'This is administrative murder'

शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने बुधवार को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ में मची भगदड़ के बाद प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं।

संजय राउत ने बुधवार को कहा कि वीवीआईपी पहुंचते हैं, तो पूरे घाट को बंद कर दिया जाता है। रक्षा मंत्री और गृह मंत्री गए थे, तो पूरे घाट को बंद कर दिया गया। इससे व्यवस्था के ऊपर दबाव बढ़ा, जिसके कारण यह भगदड़ मची।

उन्होंने कहा, “इस भगदड़ में 10 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। यह प्रशासन द्वारा की गई हत्या है।”

उन्होंने कहा कि कुंभ के आयोजन में 10 हजार करोड़ रुपये से भी ज्यादा पैसा खर्च हुआ है। आखिर कहां गया पैसा? अगर व्यवस्था अच्छी होती, तो आज इस तरह की स्थिति पैदा ही नहीं हुई होती। आज इस घटना में सैकड़ों लोग जख्मी हो गए।

शिवसेना (यूबीटी) नेता ने कहा कि भाजपा इस महाकुंभ के माध्यम से प्रचार करने में लगी हुई थी। भाजपा कुंभ के माध्यम से राजनीतिक लाभ अर्जित करने की कोशिश कर रही थी।

उन्होंने कहा कि जब वीवीआईपी वहां जाते हैं, तो पूरा घाट बंद कर दिया जाता है। इसी वजह से भगदड़ जैसी स्थिति पैदा हुई है। वीवीआईपी के लिए एक ही दिन निर्धारित किया जाना चाहिए जिसके तहत यह साफ निर्देश हो कि इसी दिन सभी वीवीआईपी आएंगे और किसी अन्य व्यक्ति को इस दिन आने की इजाजत नहीं होगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए भगदड़ में कुछ लोगों के मरने की पुष्टि की।

वहीं, प्रयागराज में हुई भगदड़ को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उच्च स्तरीय बैठक की है। बैठक के बाद उन्होंने कहा, प्रयागराज में भीड़ का भारी दबाव है और जो घटना घटी है, वह बैरिकेडिंग को फांदने के कारण हुई है। फिलहाल हालात नियंत्रण में हैं। प्रशासन सबके सहयोग के लिए तत्पर है।”

उन्होंने श्रद्धालुओं से अपील की कि वे प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और अफवाहों पर ध्यान न दें। वे जिस भी घाट पर हैं, वहीं स्नान करें। संगम नोज पर स्नान जरूरी नहीं हैं, सभी श्रद्धालु वहां जाने से बचें।

इसके अलावा, संजय राउत ने देवेंद्र फडणवीस के दिल्ली दौरे को लेकर भी बयान दिया। उन्होंने कहा कि उन्हें दिल्ली जाने की जरूरत क्या है। सभी जानते हैं कि इन लोगों ने महाराष्ट्र में कैसे जीत हासिल की। अगर यही फार्मूला ये लोग दिल्ली में भी अपनाएंगे, तो निश्चित तौर पर इन्हें जीत मिल ही जाएगी।

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